23 वर्ष के युवा ड्रग्स का हो रहे हैं शिकार, बच्चा बता कर की जा रही है हिफाजत: अमित
हिंदुस्तान रिपब्लिक आर्मी के उपाध्यक्ष शहीद चंद्रशेखर आजाद के पुत्र अमित आजाद ने कहा कि हमारे देश के युवा भटक रहे हैं उन्हें सही मार्ग पर लाने की जरूरत है। कम उम्र में ही युवा नशे का शिकार हो रहे हैं जिससे उनका जीवन बर्बाद हो रहा है।
जासं, मैथन/निरसा : देश की आजादी की लड़ाई के लिए मात्र 23 वर्ष की उम्र में लगभग साढे सात लाख लोगों ने अपना बलिदान दिया। उनकी कुर्बानी जाया ना जाए। देश के लोग और खासकर युवा वर्ग उनके बारे में जाने। उनसे प्रेरित होकर उनके बताए पद चिन्हों पर चल देश का नाम पूरे विश्व में रोशन करें। इसी उद्देश्य को लेकर हिंदुस्तान रिपब्लिकन आर्मी पूरे देश में अभियान चला रही है। उक्त बातें शहीद चंद्रशेखर आजाद के पौत्र सह हिंदुस्तान रिपब्लिकन आर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमित आजाद ने शुक्रवार को निरसा के बैजना स्थित महर्षि दयानंद सरस्वती आर्य समाज वैदिक गुरुकुल में आयोजित अशफाकउल्ला खान की जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि अमित आजाद ने किसी राजनीतिक दल का नाम लिए बगैर कहा कि इतिहास को विकृत कर देश के स्वतंत्रता सेनानियों का चरित्र चित्रण नहीं किया गया। उनके नाम पर योजनाएं, सड़क व स्टेडियम का नाम नहीं रखा गया। एक राजनीतिक दल द्वारा सिर्फ अपने वंश परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए सरकारी योजनाओं, सड़क, स्टेडियम रेलवे स्टेशन हवाई अड्डा आदि का नाम अपने नाम पर किया गया जबकि शहीदों के नाम पर मात्र उंगली पर गिनने वाले स्थानों का नाम रखा गया। बॉलीवुड में ड्रग्स के हाई प्रोफाइल मामले से अप्रत्यक्ष रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि मात्र 23 वर्ष की उम्र में शहीदे आजम भगत सिंह, 24 वर्ष की उम्र में चंद्रशेखर आजाद, 27 वर्ष की उम्र में अशफाक उल्ला खान ने देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया। लेकिन वर्तमान समय में 23 वर्ष के युवा ड्रग्स के शिकार हो रहे हैं तथा उन्हें बच्चा बता कर उनकी हिफाजत की जा रही है।
यह सरासर देश के साथ अन्याय है। देश की युवा पीढ़ी जब अपने देश के क्रांतिकारियों को अपना आदर्श एवं मार्गदर्शक बनाएगी उस दिन देश में सही से आजादी आएगी और भ्रष्ट, अलगाववाद, जातिवाद भाषावाद व क्षेत्रवाद की राजनीति करने वाले लोगों की राजनीतिक दुकान बंद हो जाएगी। कहा कि हिंदुस्तान रिपब्लिकन आर्मी की स्थापना देश की आजादी के लिए अमर शहीदों ने की थी इसलिए चुनावी राजनीति से अलग हटकर हमारा संगठन युवाओं के बीच जाकर आजादी के लिए शहीद हुए परवानों की गाथाएं , उनकी जीवनी और उनके बताए रास्ते के बारे में जानकारी दे रही है ताकि आज की युवा पीढ़ी शहीदों के इतिहास की जानकारी प्राप्त करे और उनके बताए मार्गों पर चलने का प्रयास करे। उन्होंने कहा कि आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले देश के शहीदों के बारे में सरकारों द्वारा युवा पीढ़ी को जानकारी नहीं उपलब्ध करवाई गई। हमारे संगठन का प्रयास है कि देश के लिए शहीद हुए क्रांतिकारियों की जीवनी, उनके द्वारा रचित रचनाओं व संस्करण को सामान्य लोगों तक आसानी से उपलब्ध करवाया जाए ताकि लोग अपने देश के अमर शहीदों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें। नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा देश की आजादी के लिए गठित आजाद हिंद फौज का स्थापना दिवस पर राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर वृहद कार्यक्रम होना चाहिए था, परंतु राजनीति लाभ के लिए वर्तमान समय के राजनेताओं द्वारा कार्यक्रम को वृहद पैमाने पर नहीं किया गया। जबकि देश की युवा पीढ़ी को यह जानने का पूरा अधिकार है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा स्थापित आजाद हिंद फौज ने देश की आजादी के लिए क्या-क्या किया ।
इससे पूर्व अमित आजाद के धनबाद स्टेशन पहुंचने पर निरसा के हिंदुस्तान रिपब्लिकन आर्मी के कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया। बैजना गुरुकुल पहुंचने के पूर्व आदिवासी समुदाय के लोगों ने आदिवासी परंपरा के अनुसार उनका भव्य स्वागत किया।
उक्त अवसर पर हिंदुस्तान रिपब्लिकन आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष हरहर आर्य, प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक मिश्रा, प्रखंड अध्यक्ष विजय पासवान, जिला अध्यक्ष- मुकेश कुमार, अजय पासवान, देवनाथ मिश्रा, अशोक घाटी आदिबासी समाज के राशिक टुडू, श्यामलाल टुडू, पुष्पा टुडू प्रह्लाद आर्य, जयंत मिठारी आदि मौजूद थे।