कोरोना में खराब हो गई जिले की बीएड कालेज की स्थिति 173 सीटों पर नहीं हो सका नामांकन

कोरोना के कारण केवल व्यवसाय व उद्योग ही नहीं प्रभावित हुए बल्कि शिक्षिक प्रशिक्षण महाविद्यालयों की स्थिति भी खराब हो गई है। बोकारो के सभी 11 बीएड कालेज में 1100 सीट है। पर कोरोना के कारण सत्र 2020-22 में झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद के माध्यम से हो रही

By Atul SinghEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 05:49 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 05:49 PM (IST)
कोरोना में खराब हो गई जिले की बीएड कालेज की स्थिति 173 सीटों पर नहीं हो सका नामांकन
कोरोना के कारण सत्र 2020-22 में झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद के माध्यम से हो रही

जागरण संवाददाता, बोकारो: कोरोना के कारण केवल व्यवसाय व उद्योग ही नहीं प्रभावित हुए बल्कि शिक्षिक प्रशिक्षण महाविद्यालयों की स्थिति भी खराब हो गई है। बोकारो के सभी 11 बीएड कालेज में 1100 सीट है। पर कोरोना के कारण सत्र 2020-22 में झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद के माध्यम से हो रही काउंसलिंग के बाद भी जून माह तक जिले में 173 सीट खाली रह गई थी। जबकि राज्य में यह संख्या 1752 है। अब नये सत्र की घोषणा होने वाली है। कालेज प्रबंधन इस बात से आशंकित है कि कहीं गत वर्ष की स्थिति रही तो कालेज का संचालन मुश्किल होगा। इसलिए उनकी मांग है कि सीधे नामांकन की व्यवस्था होनी चाहिए। इससे स्थानीय छात्र अपनी मर्जी के कालेज में नामांकन ले सकते हैं। सरकार की ओर अगस्त के प्रथम सप्ताह में नामांकन संबंधी सूचना प्रकाशित होगी। इसके बाद आनलाइन आवेदन कर प्राप्तांक के आधार पर काउंसिलिंग के बाद सीधे कालेज में नामांकन होगा। पर यदि तय सीटों से अधिक छात्र होते हैं तो आपको दूसरे कालेज में नामांकन लेना होगा। विदित हो कि शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद यह वैधानिक प्रावधान कर दिया गया है कि किसी भी प्रकार के विद्यालय में पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित होना जरूरी है।

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1.10 लाख से 1.50 लाख लगता है शुल्क :

हालांकि नामांकन शुल्क विश्वविद्यालय द्वारा तय किया जाता है। पर कुछ कालेज छात्रों से नामांकन के नाम पर अधिक राशि की भी मांग करते हैं। इसलिए आवेदन करने से पहले संबंधित कालेज से शुल्क की पूरी जानकारी जरूर ले लें। सामान्य तौर दो वर्षों के लिए 1.10 लाख से लेकर 1.5 लाख रुपये अलग-अलग कालेज ने शुल्क रखा हुआ है। यह शुल्क आप तय कर सकते हैं कि कितने किश्तों में भरी जाय। इसके लिए संबंधित कालेज के प्रबंधन से बात करना होता है। कुछ कालेज चार किस्त से दस किस्त तक पैसा ले सकते हैं।

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आरक्षित श्रेणी के छात्रों को मिल सकती है 80 हजार तक की मदद : कल्याण विभाग की ओर से अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए छात्रवृति देने की योजना है। इस वर्ग के छात्रों को दो वर्षों में 76 हजार से 80 हजार रुपये तक आर्थिक सहायता मिलती है। ऐसे में यदि कोइ आरक्षित श्रेणी का छात्र है तो दो तीहाई राशि से सरकार से तथा एक चौथाई स्वयं का इंतजाम कर पढ़ाई को पूरी कर सकता है।

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बाेकारो में कौन-कौन है कालेज , कहां-कहां

1.बोकारो स्टील सिटी कॉलेज, सेक्टर-छह

2. स्वामी राम कृष्ण परमहंस टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज, दुगदा

3. स्वामी विवेकांनद टीचर ट्रेनिंग , दुगदा

4. भवनाथ चौधरी कालेज आफ एजुकेशन , दीवानगंज , चास

5.एआरएस बीएड कालेज बीएसएल एलएच , बोकारो

6. स्वामी सहजानंद सरस्वती बीएड कालेज , बोकारो

7. अल हबीब टीचर ट्रेनिंग कालेज

8. डॉ एस राधाकृष्णनन कालेज आफ एजुकेशन

9.डॉ चंडी चरण महतो नागेन मोड़ :

10. बीबीएम बीएड कालेज

11.एनपी टीचर ट्रेनिंग कालेज

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वजर्न

ओपन नामांकन के लिए सरकार को पत्र लिखा गया है। मगर अभी तक सरकार की ओर से किसी भी तरह का आदेश निर्गत नहीं किया गया है। जिसके कारण विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले सभी कालेजों में दस से पंद्रह सीटें रिक्त है। पिछले सत्र 2019- 21 में भी सरकार द्वारा ओपेन काउंसलिंग सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन के तहत दिया गया था। इस बार भी सभी कॉलेजों को उम्मीद है कि बहुत जल्द आदेश निर्गत सरकार करें ताकि रिक्त पड़े सीटें भरा जा सके। सरकार द्वारा अपनाए गए काउंसिलिंग में कई त्रुटियां है जैसे हर बार के नामांकन का अवधि कम देना। साथ ही कम समय के कारण झारखंड क्षेत्र के सुदूर क्षेत्र में स्थापित कॉलेजों में समय पर विद्यार्थी नहीं पहुंचने के कारण नामांकन से वंचित हो जाते हैं।

शंकर प्रसाद स्वर्णकार , सचिव स्वामी राम कृष्ण परमहंस टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज

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वर्जन

विश्वविद्यालय के निर्धारित दी शिक्षण शुल्क विद्यार्थियों से लिया जाता है। सरकार द्वारा काउंसलिंग के माध्यम से कालेजों में नामांकन हेतु आवंटन किया जाता है। ऐसे में दूरदराज के विद्यार्थी आवागमन की सुविधा नहीं मिल पाने के कारण वैसे छात्र नामांकन नहीं लेते हैं। सीटें खाली रहने के कारण सत्र 2020-22 का काफी विलंब हो चुका है। सत्र 2021 23 का नामांकन जल्द प्रारंभ होने वाली है। जबकि सत्र 2020-22 का नामांकन अभी तक बाकी है। इन्होंने नामांकन प्रक्रिया को पूर्व की भांति सरकार से बहाल करने की मांग किया ताकि कॉलेजों में नामांकन पूर्ण रूप से हो सके।

मुखलाल महतो, निदेशक स्वामी विवेकानंद शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय

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वर्जन

पूर्व में सीधे नामांकन होने से छात्र अपने नजदीकी कालेज में सुविधा अनुसार नामांकन ले लेते थे। पर झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद के माध्यम से नामांकन प्रक्रिया प्रारंभ होने के कारण काउंसिलिंग में दूसरे जिले के छात्रों को सीट एलाट हो जाता है। बाद में नामांकन नहीं लेते हैं। यहां कालेज रहने के बावजूद कई कालेज की सीटें खाली रह जाती है। सरकार को इस पर निर्णय लेना चाहिए।

रामकृष्ण कुमार, निदेशक स्वामी सहजानंद सरस्वती बीएड कालेज बोकारो

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