पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल पूरा, अब प्रधानों से ऑडिट के लिए मांगे जा रहे 15000 रुपये

पंचायत प्रतिनिधियों ने पांच साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। अब इनके वित्तीय खर्च की ऑडिट का कार्य शुरू हुआ है। यह कार्य गोविंदपुर प्रखंड से शुरू किया गया है। कार्य शुरू होते ही ऑडिट करने वाले विवादों में आ गए हैं।

By Deepak Kumar PandeyEdited By: Publish:Thu, 08 Apr 2021 12:19 PM (IST) Updated:Thu, 08 Apr 2021 12:19 PM (IST)
पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल पूरा, अब प्रधानों से ऑडिट के लिए मांगे जा रहे 15000 रुपये
ऑडिट के लिए सरकारी दर 3500 रुपये निर्धारित है।

जागरण संवाददाता, धनबाद: पंचायत प्रतिनिधियों ने पांच साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। अब इनके वित्तीय खर्च की ऑडिट का कार्य शुरू हुआ है। यह कार्य गोविंदपुर प्रखंड से शुरू किया गया है। कार्य शुरू होते ही ऑडिट करने वाले विवादों में आ गए हैं। इन पर आरोप है कि प्रत्येक प्रधान से ऑडिट करने के एवज में 15-15 हजार रुपये की मांग की जा रही है, जबकि सरकारी दर 3500 रुपये निर्धारित है।

गोविंदपुर प्रखंड की पंचायतों में ऑडिट शुरू होते ही ऑडिट करने वालों ने प्रत्येक प्रधान से उपरोक्त राशि की मांग की। इस मांग पर प्रधानों ने रसीद देने की बात कही तो ऑडिटर ने इन्‍कार कर दिया। प्रधानों ने इस मामले को जिला और प्रदेश मुखिया संघ के माध्यम से पंचायती राज सचिव के समक्ष रखा है। मामले को लेकर जिला मुखिया संघ अध्यक्ष संजय कुमार महतो ने कहा कि गोविंदपुर प्रखंड के प्रधानों ने उनसे उपरोक्त मामले की शिकायत की थी। उन्होंने कहा कि राशि जो भी दी जाए, यदि उसकी रसीद दी जाती है तो कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन बिना रसीद के ही राशि भुगतान करना जायज नहीं है। इस मामले से प्रदेश संगठन को अवगत कराया गया। झारखंड मुखिया संघ के अध्यक्ष विकास महतो ने बताया कि मामला संज्ञान में आते ही पंचायती राज कार्यालय को आवेदन दिया गया है। यदि 15000 रुपये का ही भुगतान करना है तो विभाग इस संबंध में आदेश जारी कर दे अन्यथा अवैध तरीके से राशि मांगने वालों पर कार्रवाई करे। उन्होंने बताया कि ऑडिट कराने की सरकारी दर महज 3500 रुपये ही है। उन्होंने कहा कि ऑडिट करने वाले धमकी भी दे रहे हैं।

धनबाद में 256 पंचायतें: बात धनबाद जिले की करें तो यहां कुल 256 पंचायतें हैं। यदि प्रत्येक पंचायत से ऑडिट करने वाली संस्था को 15000 रुपये की दर से भुगतान किया जाता है तो कंपनी को 38.40 लाख रुपये प्राप्त होंगे। प्रदेश अध्यक्ष महतो ने कहा कि  यह अवैध वसूली है। उन्होंने कहा कि मुखिया ने सरकार के नियमों के तहत ही राशि खर्च की है।

chat bot
आपका साथी