ठगी का काल सेंटर... धनबाद के अपार्टमेंट से गिरफ्तार 13 युवकों ने खोला राज, तेलंगाना और आंध्र के लोगों को देते थे झांसा

गिरफ्तार युवकों ने पुलिस को बताया है कि उनलोगों से कहा गया था कि धनबाद में कुछ काम है। अच्छे रुपये मिलेंगे। वे लोग बेरोजगार थे लिहाजा प्रथम बार में आठ लोग एक साथ धनबाद आ गए। बेकारबांध के बसेरा अपार्टमेंट के फ्लैट संख्या 301 में उनलोगों को ठहराया गया।

By MritunjayEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 09:29 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 09:29 AM (IST)
ठगी का काल सेंटर... धनबाद के अपार्टमेंट से गिरफ्तार 13 युवकों ने खोला राज, तेलंगाना और आंध्र के लोगों को देते थे झांसा
काल सेंटर से गिरफ्तार साइबर अपराधी ( फोटो जागरण)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। विक्रम के कहने पर कुंदन ने उनलोगों को एक लाख 89 हजार रुपये कमाई का 20 फीसद दिया थे। उनलोगों को केवल आंध्र प्रदेश तथा तेलांगना के लोगों को फोन कर डिटेल्स लेना था। इस काम के लिए विक्रम ने उनलोगों को धनबाद बुलाया था। विक्रम का रिश्तेदार अविनाश भी उनलोगों के साथ था। यह जानकारी बेकारबांध से गिरफ्तार 13 साइबर अपराधियों ने धनबाद थाना की पुलिस को दी है। इसके बाद पुलिस ने सभी को जेल भेज दिया। पुलिस ने इनके पास से बरामद 22 मोबाइल फोन तथा दो लैपटाप खंगाला। इसमें दोनों राज्यों के लोगों को ठगने की बात स्पष्ट हुई है।

गिरफ्तार युवकों के पते के सत्यापन में जुटी पुलिस

मामले में खेतरावत राज नायक, कतरावथ संतोष, खेतावत राजू, मुरावथ गणेश, देगावथ श्री निवासुल्लू, ई गणेश, जरपुल वेंकटेश, के ईश्वर, मुदावथ वेंकटेश, कटरावथ रावत हरिलाल, काटरावथ गणेश और रतालवत कृष्णा नायक गिरफ्तार हुए हंै। अभी तक इस काल सेंटर के सरगना विक्रम, अविनाश तथा कुंदन को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है। कुंदन व विक्रम झरिया का रहनेवाला बताया जाता है। पुलिस उसके पते के सत्यापन में जुटी है।

धनबाद में काम करने के नाम पर बुलाया गया

गिरफ्तार युवकों ने पुलिस को बताया है कि उनलोगों से कहा गया था कि धनबाद में कुछ काम है। अच्छे रुपये मिलेंगे। वे लोग बेरोजगार थे, लिहाजा प्रथम बार में आठ लोग एक साथ धनबाद आ गए। बेकारबांध के अपना बसेरा अपार्टमेंट के फ्लैट संख्या 301 में उनलोगों को ठहराया गया। चार दिनों तक विक्रम ने उनलोगों को काम का प्रशिक्षण दिया। विक्रम के द्वारा उपलब्ध कराए गए नंबर पर केवल उनलोगों को फोन करना होता था तथा लोन तथा बीमा करने के लिए कहा जाता था। जो भी उनलोगों के झांसे में आ जाते थे। उसका डिटेल्स लेकर विक्रम के मोबाइल पर भेज दिया जाता था। लोन के चक्कर में फंसनेवालों का वे लोग आधार कार्ड, पैन कार्ड व अन्य दस्तावेज लेते थे और लोन पास हो जाने का मैसेज भेजते थे। फिर लोन की राशि उनलोगों के खाता में क्रेडिट करने से पूर्व एक माह का किस्त जमा करवाते थे। यही काम उनलोगों को सौंपा गया था। तकरीबन दस दिनों तक काम करने के बाद विक्रम ने उनलोगों से कहा कि कुछ और लड़कों की जरूरत हैं। इस पर उन्होंने तेलंगाना से और कुछ लड़कों को बुलाया और सभी को इस काम में लगा दिया था। फोन करने के लिए सभी युवकों को सिमकार्ड व फोन विक्रम ने ही उपलब्ध कराया था।

करोड़ों रुपये की कर चुका ठगी

अपराधियों ने स्वीकार किया है कि अब तक तेलंगाना तथा आंध्र प्रदेश के सैकड़ों लोगों से तकरीबन एक करोड़ से अधिक की ठगी उनलोगों के द्वारा की जा चुकी है। जिन लोगों को भी वे फोन करते थे उसमें से पांच प्रतिशत लोग झांसे में आकर लोन के लिए पहली किस्त जमा कर देते थे। वह रकम वे लोग विक्रम को ट्रांसफर करते थे। जितनी कमाई होती थी उसके 20 फीसद का हिसाब रखने के लिए वे लोग सभी फोन नंबर का पूरा डिटेल्स नोट बुक में लिखते थे। पुलिस को उन युवकों के पास से नोट बुक भी मिला है।

अपराधियों ने बिहार झारखंड के लोगों से भी की है ठगी, खंगाल रही पुलिस

बेकारबांध से गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से बरामद मोबाइल व लैपटाप का डाटा साइबर थाना की पुलिस खंगाल रही है। पुलिस को संदेह है कि इन अपराधियों ने ना केवल तेलंगाना व आंध्र प्रदेश के लोगों को लूटा है, बल्कि झारखंड बिहार में भी ठगी की घटना को अंजाम दिया है। जब पुलिस ने फ्लैट में छापेमारी की, उस वक्त भी सभी फर्श पर बैठकर मोबाइल चला रहे थे। जब उन्होंने पुलिस को देखा तो सभी मोबाइल छुपाने लगे। कई ने मोबाइल को दरी के अंदर छुपा दिया।

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