DMC: होटल-रेस्टोरेंट में सफाई न रखने वालों पर अब कसेगा शिकंजा, गंदगी दिखने पर लगेगा 10 हजार रुपये जुर्माना
धनबाद में होटल-रेस्टोरेंट के किचन में खाना बनाने से लेकर इनमें इस्तेमाल होने वाली सामग्री के रखरखाव व भंडारण तक में सफाई मानकों की अनदेखी हो रही है। ज्यादातर छोटे होटलों में तो गंदे कपड़े पहने कारीगरों व स्टाफ से खानपान सामग्री ग्राहकों को परोसी जाती है।
धनबाद, जेएनएन। धनबाद के 60 फीसदी होटल-रेस्टोरेंट के किचन गंदे रहते हैं। इनका खाना आपको बीमार करने के लिए काफी है। नगर निगम का फूड सेफ्टी विभाग मानता है कि हालात खराब है और इसमें सुधार जरूरी है। रेस्टोरेंट और छोटे होटलों में सफाई व्यवस्था बदहाल है। संचालकों को साफ-सफाई की न तो फिक्र है और न ही खाद्य अधिनियम के तहत तय सफाई के मानकों की जानकारी।
होटल-रेस्टोरेंट के किचन में खाना बनाने से लेकर इनमें इस्तेमाल होने वाली सामग्री के रखरखाव व भंडारण तक में सफाई मानकों की अनदेखी हो रही है। ज्यादातर छोटे होटलों में तो गंदे कपड़े पहने कारीगरों व स्टाफ से खानपान सामग्री ग्राहकों को परोसी जाती है। सफाई न रखने वाले होटल-रेस्टोरेंट पर अब कड़ी कार्रवाई होगी। नगर निगम के फूड इंस्पेक्टर अनिल कुमार ने बताया कि एक-दो दिन के अंदर शहर के सभी छोटे-बड़े होटल एवं रेस्टोरेंट की जांच की जाएगी। गंदगी पाए जाने पर पांच से दस हजार रुपये का तत्काल जुर्माना किया जाएगा। इसके बाद भी स्थिति में सुधार न होने पर प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माने की राशि तय होगी।
सफाई के नाम पर सिर्फ झाड़ू-पाेंछा: फूड सेफ्टी विभाग की मानें तो 30 से 40 फीसद रेस्टोरेंट के किचन को छोड़कर बाकी जगह सफाई के नाम पर सिर्फ झाड़ू-पोंछा कर काम चलाया जा रहा है। नियम की बात करें तो किसी भी होटल या रेस्टोरेंट, जिसमें 20 या इससे अधिक कर्मचारी हों, वहां किचन सुपरवाइजर की तैनाती अनिवार्य है। कुछ बड़े होटल, रेस्टोरेंट व फूड सप्लाई से जुड़ी फर्मों की मॉड्यूलर किचन को छोड़कर किसी अन्य होटल-रेस्टोरेंट संचालकों की ओर से इसका पालन नहीं किया जाता। किचन सुपरवाइजर के लिए भी होम साइंस, माइक्रोबायोलॉजी या होटल मैनेजमेंट से तीन साल के डिग्री अथवा डेढ़ साल के फूड एंड बेवरेज सर्टिफिकेट कोर्स की योग्यता अनिवार्य है। छोटे होटलों में इसका पालन नहीं होता। खाना बनाने वाले को ग्लव्स-टोपी पहनना जरूरी है।
किचन में ऐसी होनी चाहिए व्यवस्था
होटल-रेस्टोरेंट में अमूमन यह है स्थिति सामग्री का गंदगी में भंडारण। एक ही फ्रिज में वेज व नॉनवेज सामग्री। एक ही पैन को बिना ठीक से साफ किए वेज-नॉनवेज तैयार करना। किचन में इस्तेमाल होने वाले गंदे पानी की निकासी न होना। पानी की टंकी साफ न करना। दुकान-रेस्टोरेंट में फूड पंजीयन या लाइसेंस प्रदर्शित न करना। रेस्टोरेंट, बेकरी के किचन कर्मियों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण न होना। खराब खाद्य सामग्री को भी उपयोग में आ रही सामग्री के साथ रखना।
निगम के पास अक्सर ऐसी शिकायत आती रहती है कि होटल-रेस्टोरेंट गंदगी फैला रहे हैं। अगर सड़क गंदा कर रहे हैं तो जाहिर सी बात है कि होटल-रेस्टोरेंट के अंदर भी सफाई की व्यवस्था नहीं होगी। वैसे भी कोविड-19 संक्रमण चल रहा है, ऐसे में इनकी सफाई का इंतजाम देखना बेहद जरूरी है। मानकों की अनदेखी कर रहे संचालकों पर शिकंजा कसा जाएगा। ऐसे संचालकों के खिलाफ किचन में गंदगी या मानकों की अनदेखी मिलने पर सख्त कार्रवाई होगी। ऑन द स्पॉट जुर्माना भी वसूला जाएगा। -अनिल कुमार, फूड इंस्पेक्टर फूड सेफ्टी विभाग नगर निगम।