एनआइसी का सर्वर डाउन, मास्क अनिवार्य पास नहीं

जागरण संवाददाता देवघर बाबा बैद्यनाथ धाम देवघर में सावन के बाद भादो मेला है। भादो पूर्णिमा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 04:47 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 04:47 PM (IST)
एनआइसी का सर्वर डाउन, मास्क अनिवार्य पास नहीं
एनआइसी का सर्वर डाउन, मास्क अनिवार्य पास नहीं

जागरण संवाददाता, देवघर : बाबा बैद्यनाथ धाम देवघर में सावन के बाद भादो मेला है। भादो पूर्णिमा से ढ़ाई दिन का अढ़ैया मेला सबसे प्राचीन है। राज्य सरकार के आदेश के बाद मंदिर सशर्त खोल दिया। कोरोना नियंत्रण को लेकर ई पास व्यवस्था की गई है। इसके लिए जिला प्रशासन ने वेब साइट पर दिनभर में पंजीकृत एक हजार लोगों के पूजा करने की अनुमति दी है। इन सब के बावजूद सरकार और जिला प्रशासन की तैयार की गई व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई। वेब साइट पर पंजीकरण की व्यवस्था पहले ही दिन सर्वर डाउन होने होने की वजह से ठप पड़ गई। सोमवार को पूर्णिमा को पांच हजार श्रद्धालुओं ने बाबा की पूजा अर्चना की और मंगलवार की भी सुबह तक मंदिर परिसर में भक्तों की लंबी कतार लगी रही। दोपहर चार बजे तक मंदिर का पट बंद होने तक लगभग चार हजार श्रद्धालुओं ने पूजा किया। जिला प्रशासन नयी व्यवस्था बनाने में जुटा हुआ है। इधर देवघर पहुंचे भक्तों को पूजा करने की अनुमति दी गई। बावजूद सख्ती इस बात की है कि बिना मास्क के एक भी श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकते हैं।

एंट्री प्वाइंट पर पांच रुपये में मास्क : मंदिर में प्रवेश के लिए हर एक यात्री को फुटओवर ब्रिज ही सहारा है। यह मानसिघी पर है, यहीं से एंट्री प्वाइंट बनाया गया है। धु्रवनारायण नामक एक श्रद्धालु दुकानदार के यहां पहुंचकर एक मास्क की मांग की तथा इसके बदले आनलाइन पेमेट की पेशकश की। इस पर दुकानदार ने कहा कि अभी आप मास्क लेकर पूजा करने जाइए, आकर भुगतान कर दीजिएगा। आनलाइन भुगतान की वजह यह थी वह श्रद्धालु पर्स लेकर मंदिर नहीं पहुंचा था। अपने परिवार के साथ बिहार के मुजफ्फरपुर से आए एक भक्त ने एक लीटर दूध बाबा पर चढ़ाने के इरादे से खरीदी। जब उससे पूछा गया कि वह पास बनवाकर आया था तो उसने कहा कि वह सोमवार को पहुंचा था। जहां देखा कि बगैर पास की पूजा हो रही है। ऐसे में तय कार्यक्रम के एक दिन पहले ही बाबा दरबार में हाजिरी लगा दी।

मंदिर में 150 दिन बाद गूंजी ढोल की आवाज : मंदिर बंद रहने से पुरोहित काफी परेशान थे। इन पंडा पुंजारी की यजमान ही पूंजी है। मंदिर खुलने और ई पास की बाध्यता नहीं रहने से यात्रियों की संख्या में हुए इजाफा से सबके चेहरे पर रौनक लौट आई है। मंदिर में ढोल बजाने वाले को भी जाने की मनाही थी, मंगलवार को उसे प्रवेश मिला और ढोल की आवाज प्रांगण में सुनायी देने लगी। दुर्गापूजा सामने है और मंदिर आसपास की दुकान पर भी रौनक आने से सबलोग भगवान को धन्यवाद दे रहे हैं कि वह आने वाले समय में व्यवस्था को और भी बेहतर बना दें ताकि दाल रोटी प्रेम से चलता रहे। फुटओवर ब्रिज के एंट्री प्वाइंट पर तैनात पुलिस पदाधिकारी व सुरक्षा बल अब पास नहीं मांगते हैं। यात्री का चेहरा देखते हैं, यदि मास्क लगा है तो जाने देते हैं नहीं तो रोक देते हैं।

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