रोग उन्मूलन को पहचान के साथ उपचार जरूरी

जागरण संवाददाता देवघर सिविल सर्जन कार्यालय सभागार में शुक्रवार को राष्ट्रीय वैक्टर जनित र

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 07:14 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 07:14 PM (IST)
रोग उन्मूलन को पहचान के साथ उपचार जरूरी
रोग उन्मूलन को पहचान के साथ उपचार जरूरी

जागरण संवाददाता, देवघर : सिविल सर्जन कार्यालय सभागार में शुक्रवार को राष्ट्रीय वैक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला हुई। प्रशिक्षण का शुभारंभ सीएस डा. सीके शाही ने किया। जिले के सभी प्रखंडों के एमटीएस, एमपीडब्ल्यू, बीटीटी, एसआइ., एसडब्ल्यू सहित शहरी क्षेत्र के बीडीटी को प्रशिक्षण दिया गया। जिला भीबीडी सलाहकार डा. गणेश कुमार वैक्टर जनित रोगों के उन्मूलन व इन रोगों के लक्षणों के आधार पर त्वरित पहचान व इलाज की जानकारी दी। मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जिका वायरस, जापनीज एन्सेफेलाइटिस एवं कालाजार रोगों की पहचान, बचाव के उपाय, जांच व दवा की खुराक देने के बारे में विस्तार से बताया। इन बीमारियों के लिए उत्तरदायी वैक्टर्स के निवास करने की पहचान, रेस्टिग हेविडेट, फीडिग हैबिटेट के साथ इसके द्वारा बीमारी फैलाने की अवधि की भी जानकारी दी गई। प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत सभी अपने-अपने प्रखंडों अथवा क्षेत्रों के एएनएम, सहिया या अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ता के साथ समन्वय स्थापित करते हुए उन्मूलन की दिशा में बेहतर तरीके से काम करने को कहा। बताया गया कि माह दिसंबर 2021 में टोला-टोला जाकर बुखार रोगियों का सर्वे करते हुए उनका जांच तथा त्वरित इलाज करना है। अगले माह जनवरी में सभी विद्यालयों में जाकर विद्यालय जागरूकता कार्यक्रम के तहत बच्चों तथा शिक्षकों को वैक्टर जनित रोगों की पहचान, रोकथाम एवं इसके इलाज से संबंधित बातों को बताना है। साथ ही जनवरी 2022 में फाइलेरिया रोधी कार्यक्रम के लिए चलने वाले माह ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम को लेकर कार्ययोजना तैयार करने को कहा। सिविल सर्जन सह जिला भीबीडी पदाधिकारी ने वैक्टर जनित रोगों से संबंधित निगरानी एवं सर्विलेंस का कार्य कोविड-19 नियमों का पालन करते हुए करने का निर्देश दिया। मौके पर डीपीएम नीरज भगत, डीएएम बृजेश झा, एफएलए रवि सिन्हा सहित अन्य मौजूद थे।

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