दुकानदारों के जीविकोपार्जन पर गहराया संकट

संवाद सूत्र देवघर सावन महीना है। श्रावणी मेला नहीं लगा है। बाबा मंदिर का पट आम भक्तों के

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 12:20 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 12:20 AM (IST)
दुकानदारों के जीविकोपार्जन पर गहराया संकट
दुकानदारों के जीविकोपार्जन पर गहराया संकट

संवाद सूत्र, देवघर: सावन महीना है। श्रावणी मेला नहीं लगा है। बाबा मंदिर का पट आम भक्तों के लिए बंद है। सुबह और शाम नियमित पूजा हो रही है। इस धार्मिक अनुष्ठान का प्रशासन द्वारा आनलाइन दर्शन कराया जा रहा है। अब सुल्तानगंज के रास्ते भी सुनसान हो गए हैं। कोई भक्त आने जाने वाला नहीं है।

बात देवघर बाजार की करें तो राज्य सरकार के जरिए दुकान खोलने का आदेश है। मगर विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। इससे दुकानदारों में नाराजगी देखी जा रही है। जब मेला लगेगा ही नहीं और यात्री आएंगे ही नहीं तो फिर दुकान खोलने से क्या फायदा। जानते हैं दुकानदारों राय।

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मेरी दुकान मंदिर के वीआईपी गेट पर है। यहां साल भर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। इसी से हमारे परिवार का भरण पोषण भी होता है। मगर राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन की ओर से हर जगह बाबा धाम आने वाले रास्ते को सील कर दिया गया है। जहां से श्रद्धालु नहीं आ पा रहे हैं और हम लोगों की स्थिति दिन-प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है।

संतोष कुमार रावत

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प्रतिदिन सुबह उठकर अपने नित्य कर्म पूरा करने के बाद दुकान खोलता हूं और देर शाम को दुकान बंद करने का काम करते हैं। दिनभर दुकान में बैठकर दिन काटा एक भी ग्राहक दुकान में नहीं आ रहे हैं। राज्य सरकार से हमारी मांग है कि हम लोगों के लिए आर्थिक संकट उत्पन्न हो गई है जिसके लिए वह हमारी इस समस्या का निदान करें नहीं तो आने वाले दिन में हम दुकानदार पूरी तरह से टूट कर बिखर जाएंगे।

अजय केसरी

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स्थिति पिछले साल से भी अधिक खराब है। पिछले साल छिटपुट श्रद्धालु का आना जाना लगा रहता था। मगर इस बार एक भी श्रद्धालु मंदिर के आसपास तक भटक नहीं पा रहे हैं। ऐसे में राज्य सरकार से हमारी मांग है कि हम दुकानदारों का बना हुआ सामान बर्बाद हो रहा है, जिसकी भरपाई के लिए राज्य सरकार आर्थिक पैकेज की व्यवस्था करें।

चांदमणि परिहस्त

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जब मंदिर खोलना ही नहीं था तो राज्य सरकार को पूर्ण लॉकडाउन कर देना था। क्योंकि लोग इस आस में नहीं रहते कि मंदिर खुलेगा । हम लोगों आज टूट गए हैं और बची पूंजी भी डूब चुकी है। ऐसी स्थिति में बच्चे के स्कूल, मकान मालिक का भाड़ा और स्टाफ का खर्च तक उठाने का पैसा हम लोगों के पास नहीं है। आखिर हम लोग कहां जाएंगे ।

दिनेश झा

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मंदिर के आसपास सभी दुकानदारों का आय का स्त्रोत मंदिर में आने वाले श्रद्धालु हैं । जिस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग गया है स्थानीय श्रद्धालु भी मंदिर के आसपास आते तो है मगर कोरोना के मार के कारण सीमित मात्रा में सामान खरीद कर चले जाते हैं। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार की मदद की आस लगाए बैठे हैं। हम लोगों का एक ही सहारा बाबा बैद्यनाथ मंदिर है। जहां से परिवार का भरण पोषण छोटे से दुकान में कमाकर करते हैं।

नवीन झा

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हम दुकानदारों ने राज्य सरकार का सहयोग हर हमेशा आगे बढ़ चढ़कर किया है ।उनके फैसलों पर विश्वास भी जताया है मगर आज हम लोगों की स्थिति इतनी खराब हो गई है की खाने-पीने तक का लाला पड़ गया है। राज्य सरकार मंदिर खोलने का आदेश दें भले ही सीमित श्रद्धालु के लिए। मंदिर खुलने से जीविका उपार्जन करने में सहयोग मिलेगा।

रोहित साह

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