तालाब का जीर्णोद्धार नहीं होने से किसानों में नाराजगी

संवाद सहयोगी करौं (देवघर) करौं प्रखंड कृषि प्रधान क्षेत्र है। यहां के लोगों का जीवन यापन

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 10:40 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 10:40 PM (IST)
तालाब का जीर्णोद्धार नहीं होने से किसानों में नाराजगी
तालाब का जीर्णोद्धार नहीं होने से किसानों में नाराजगी

संवाद सहयोगी, करौं (देवघर): करौं प्रखंड कृषि प्रधान क्षेत्र है। यहां के लोगों का जीवन यापन खेती से होता है। खेती के लिए किसान मानसून पर निर्भर है। अच्छी बारिश होने पर फसल होती है। अन्यथा लोगों को सूखे का सामना करना होता है। कहने को तो सिचाई के वैकल्पिक उपाय के तौर पर प्रखंड में सैंकड़ों तालाब है। लेकिन इससे किसानों को किसी प्रकार का फायदा नहीं हो पाता है। प्रखंड के रानीडीह तालाब का जीर्णोद्धार नहीं होने के कारण यहां के किसानों में खासी नाराजगी है। तालाब जीर्णोद्धार के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई गई। आश्वासन तो मिला लेकिन इस दिशा में कारगर कदम नहीं उठाया गया। साढ़े चार एकड़ भू-भाग में फैले इस तालाब से लगभग 200 एकड़ भूमि की सिचाई होती थी, परंतु वर्तमान में इसकी स्थिति दयनीय हो चुकी है। कुछ वर्ष पहले तक इस तालाब के भरोसे गेहूं की खेती की जाती थी। लेकिन वर्तमान में सिर्फ धान की फसल लगाने तक ही सिमट कर रह गया है। इस तालाब में मछली पालन भी किया जाता है। लेकिन गर्मी के दस्तक देते ही तालाब सूखने के कगार पर पहुंच जाता है। जिससे यहां के लोगों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।

इंदु सिंह, किसान ने कहा कि यह तालाब 4.5 एकड़ में फैला हुआ है। लेकिन 50 वर्षों से तालाब का जीर्णोंद्धार नहीं हुआ है। जब तालाब में पानी रहता है तो मछली पालन किया जाता है एवं लगभग 200 एकड़ जमीन पटवन की सहूलियत मिलती।

किसान उत्तम सिह ने कहा कि तालाब का जीर्णोंद्धार करा दिया जाए तो यहां बरसात का पानी संग्रह किया जा सकता है। इससे गेहूं समेत अन्य फसलों की खेती की जा सकेगी। लेकिन गर्मी आते ही तालाब सूख जाता है जिस कारण किसानों को परेशानी होती है।

रामनाथ सिंह, किसान ने कहा कि तालाब जीर्णोद्धार के लिए प्रखंड से लेकर जनप्रतिनिधियों तक गुहार लगाई गई। आश्वासन तो मिला, लेकिन इस दिशा में सार्थक पहल नहीं की गई। जिससे किसानों में रोष है।

नवलकिशोर सिंह, किसान ने कहा कि इस तालाब में वर्षों से मछली पालन किया जाता है। लेकिन किसी वर्ष पानी रहने पर अच्छी आमदनी हो जाती थी। लेकिन पिछले तीन वर्षों से पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण गर्मी में तालाब सूख जाता है। तालाब जीर्णोद्धार कराने की दिशा में सरकार को पहल करनी चाहिए।

सुशील टुडू, मुखिया ने कहा कि तालाब का जीर्णोंद्धार कराने में हरसंभव प्रयास किया जाएगा। तालाब का जीर्णोंद्धार होने से जल संग्रह होगा। इससे किसानों को काफी सहूलियत होगी।

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