विरान पड़ा अस्सी के दशक में स्थापित यूनानी अस्पताल

संवाद सूत्रपालोजोरी प्रखंड क्षेत्र के बसाहा में लगभग अस्सी के दशक में स्थापित राजकीय यूनानी अ

By JagranEdited By: Publish:Sun, 30 May 2021 06:08 PM (IST) Updated:Sun, 30 May 2021 06:08 PM (IST)
विरान पड़ा अस्सी के दशक में स्थापित यूनानी अस्पताल
विरान पड़ा अस्सी के दशक में स्थापित यूनानी अस्पताल

संवाद सूत्र,पालोजोरी : प्रखंड क्षेत्र के बसाहा में लगभग अस्सी के दशक में स्थापित राजकीय यूनानी अस्पताल वर्षों से विरान पड़ा है। यहां ना तो कोई चिकित्सक बैठे हैं और ना किसी को दवा ही मिलती है। लाखों रुपये की लागत से बनाया गया यूनानी अस्पताल का नया भवन सवालों को जन्म देता है। स्थानीय लोग का कहना है कि झारखंड बनने से पहले यहां बीमार मरीजों का इलाज चिकित्सक करते थे। दवा भी दी जाती थी। उस दौरान यहां बसाहा,चंदा नवाडीह, सारठ, मिश्राडीह, लोधरा सहित अन्य कई गांवों से बीमार मरीज इलाज के लिए आते थे। झारखंड राज्य बनने के बाद से यह यूनानी अस्पताल शोभा की वस्तु बनकर रह गई है। नया अस्पताल बनने के कुछ दिनों तक एक यूनानी कर्मी (कंपाउंडर) यहां बैठा करते थे। मगर अस्पताल में दवा उपलब्ध नहीं होने की वजह से उसने भी आना छोड़ दिया। एक तरफ जहां बसाहा का यूनानी अस्पताल विभागीय उपेक्षा का शिकार तो बना हुआ है तो दूसरी तरफ पंचायत प्रतिनिधि ने यूनानी अस्पताल में व्यवस्थाओं की बहाली को लेकर किसी तरह की पहल की। वहीं बसाहा के ग्रामीण यूनानी अस्पताल के खत्म होते अस्तित्व को लेकर काफी हताश और निराश हैं। ग्रामीण विक्रम तिवारी, मिलन तिवारी, विजय तिवारी, गौरव तिवारी, सचिदानंद तिवारी, राजू पंडित,भीम यादव, राम लोचन तिवारी, अनूप तिवारी, विमल तिवारी ने यूनानी अस्पताल में पुन: चिकित्सक प्रतिनियुक्त करने की मांग की है ताकि इस क्षेत्र के लोगों को यूनानी अस्पताल में चिकित्सीय सेवा का लाभ मिल सके।

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