साइबर ठगी के आरोपितों ने अधिकारियों को भी नहीं बख्शा
देवघर के साइबर आरोपितों के कारनामे पूरे देश में चर्चित हैं। इन बदमाशों ने आम लोगों क
देवघर के साइबर आरोपितों के कारनामे पूरे देश में चर्चित हैं। इन बदमाशों ने आम लोगों को ही नहीं कई आइपीएस, अन्य अधिकारी व नामचीन लोगों को भी चूना लगाया है। हिमाचल प्रदेश में कार्यरत एक महिला आइपीएस अधिकारी को अज्ञात व्यक्ति ने पिछले वर्ष अक्टूबर माह में फोन किया था। उसने एटीएम बंद हो जाने की जानकारी दी और उनसे उनके एटीएम के बारे में जानकारी मांगी। उक्त अधिकारी ने जब जानबूझकर गलत जानकारी दी तो इन बदमाशों ने उन्हें अपशब्द कहा। इस सिलसिले में एक मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र के घोरमारा निवासी मुकुल मिर्धा को गिरफ्तार किया था। उसके पास से घटना को अंजाम देने में प्रयोग किया गया मोबाइल व एटीएम बरामद किया गया था। इन ठगों ने पिछले वर्ष ही हिमाचल प्रदेश की एक और आइपीएस अधिकारी को फोन किया। उन्हें बताया कि उन्हें फोन पे के माध्यम से एक हजार का कैश बैक मिला है। अधिकारी इन ठगों के झांसा में आ गए। उसके बाद उन्हें एक लिक भेजा गया। ये लिक रिमोट एक्सेस एप टीम का था। इस लिग की मदद से ठगों ने ओटीपी हासिल कर उनके बैंक खाता से 6571 रुपये की ठगी कर ली गई। इस मामले में पुलिस ने दुमका जिले के मसलिया थाना क्षेत्र के पाटनपुर गांव निवासी सराफत अंसारी को गिरफ्तार किया। उसके पास से पांच मोबाइल व छह सिम बरामद किया गया था। एक अन्य मामला पिछले वर्ष गुमला जिले में कार्यरत प्रशिक्षु आइपीएस अधिकारी से जुड़ा हुआ है। ठगों ने उक्त आइपीएस अधिकारी के रिश्तेदार को बैंक अधिकारी बनकर फोन किया था। उन्हें डेबिट कार्ड का सत्यापन करने के नाम पर अपने झांसा में ले लिया। उसके पास उसने ओटीपी हासिल कर तीन लाख ठग लिया था। इस मामले में पुलिस ने मोहनपुर थाना क्षेत्र के सिमरजोर गांव निवासी ललन कुमार यादव को गिरफ्तार किया था। वहीं राजस्थान भिवंडी के एक वरीय प्रशासनिक अधिकारी के रिश्तेदार से भी यहां के साइबर ठगों ने एक वर्ष जनवरी माह में करीब 26 हजार ठग लिया था। इस मामले में देवघर निवासी सूरज मंडल को गिरफ्तार किया गया था। आठ माह में 579 साइबर ठग किए गए गिरफ्तार साइबर आरोपितों के खिलाफ देवघर पुलिस लगातार अभियान चला रही है। इस अभियान के तहत पिछले आठ माह के दौरान जिले में 579 साइबर आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से पुलिस ने करीब 28.26 लाख नकद, 27 चार चक्का वाहन, 76 बाइक, 1027 मोबाइल, 1577 सिम, 467 एटीएम, 94 पासबुक, 77 चेकबुक, 23 लैपटॉप, छह स्वाइप मशीन, तीन माइक्रो पॉस मशीन चार राउटर व अन्य सामान बरामद किया है। वहीं इस दौरान जिले में साइबर से जुड़े 82 मामले प्रतिवेदित हुए हैं। सीएसपी व ठगों के गठजोड़ का हुआ खुलासा पुलिस ने जिले में सक्रिय साइबर ठगों व सीएसपी संचालकों के गठजोड़ का भी खुलासा किया। इस सिलसिले में सारठ थाना क्षेत्र के सीएसपी संचालक राकेश कुमार सिंह, दिनकर कुमार शाही, सुनील कुमार मंडल, सधरिया गांव निवासी प्रकाश मंडल को अलग-अलग मामलों में कुछ माह पूर्व पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पूछताछ के दौरान पता चला कि ये सीएसपी संचालक कमीशन लेकर साइबर आरोपितों का पैसा सीएसपी से गलत तरीके से निकासी करते थे। इतना ही नहीं कई बार तो ये पॉस मशीन लेकर पैसा निकासी करने साइबर ठगी के आरोपितों के घर तक पहुंच जाते थे। इसके बदले में उन्हें निकासी की गई राशि का 15 से 20 प्रतिशत तक कमिशन के तौर पर मिलता था। इतना ही नहीं कुछ लोगों के बैंक खाता की जानकारी भी साइबर ठग इन सीएसपी संचालकों से हासिल कर लेते थे। इनके अलावा भी कई सीएसपी संचालकों की जांच चल रही है। -------------------------- कंचन सौरभ मिश्रा