तकनीकी जानकारी का अभाव बढ़ा रही ई-पास की मुश्किलें

संवाद सहयोगी मधुपुर 16 से 27 मई तक झारखंड सरकार ने आंशिक लॉकडाउन की अवधि बढ़ा

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 06:27 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 06:27 PM (IST)
तकनीकी जानकारी का अभाव बढ़ा रही ई-पास की मुश्किलें
तकनीकी जानकारी का अभाव बढ़ा रही ई-पास की मुश्किलें

संवाद सहयोगी, मधुपुर : 16 से 27 मई तक झारखंड सरकार ने आंशिक लॉकडाउन की अवधि बढ़ा दी है। स्वास्थ सुरक्षा सप्ताह के तहत कोरोना का चेन को तोड़ने के लिए आंशिक लॉकडाउन के दौरान जारी नए गाइडलाइन को विशेष रूप से सख्त किया गया है। जिसके तहत दोपहिया व चारपहिया वाहनों के आवाजाही के लिए ई-पास लागू कर दिया गया है। लेकिन तकनीकी और प्रशासन की ओर से आम लोगों को समुचित जानकारी नहीं मिलने के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गई है। रविवार से ई-पास लागू कर दिया गया है। चेकिग अभियान के दौरान लोगों को भारी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को जागरूक करने के लिए नगर परिषद की ओर से माइकिग तक नहीं की गई है। लोगों ने इसे लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

जानिए लोगों की राय दो व चार पहिया वाहनों के परिचालन के लिए राज्य सरकार ने ई-पास को लागू किया है। वह सही है। लेकिन तकनीकी रूप से ग्रामीण क्षेत्र की बात दूर शहरी क्षेत्र के लोगों को भी ऑनलाइन करने की ठीक से जानकारी नहीं है। उन्होंने रविवार को पोर्टल खोला तो काम नहीं कर रहा था। सरवर डाउन था। इसलिए ई-पास उनका सबमिट नहीं हो सका है।

संजय कुमार सिंह, दवा दुकानदार, मधुपुर

------------------ पिछले साल पूरे भारतवर्ष में जब संपूर्ण लॉकडाउन लगा था उस वक्त दोपहिया व चारपहिया वाहनों के अपने ही शहर, जिला व राज्य में पास की जरूरत नहीं पड़ती थी। यह कानून और नियम लोगों को काफी परेशान करेगी। ऑनलाइन ई-पास बनाने में लोगों को काफी परेशानी हो रही है। क्योंकि पोर्टल नहीं खुलता है। इसलिए इस नियम को लचीला बनाना चाहिए। पुलिस प्रशासन सिर्फ सख्ती से अनुपालन कराएगी तो ही पास की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी।

प्रेम पाठक, शिक्षक कंप्यूटर, मधुपुर।

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सिर्फ अनुमंडल प्रशासन पूरी तत्परता और कर्तव्यनिष्ठाता के साथ सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन को अनुपालन कड़ाई के साथ कराए तो वाहनों के परिचालन के लिए ई- पास की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी। सरकार इस नियम को वापस ले। ताकि लोगों की परेशानी नहीं बढ़े। सभी लोग उतने तकनीकी रूप से शिक्षित नहीं है की ई-पास बनवा सके।

संजय कुमार राय, मधुपुर।

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दोपहिया वाहनों के ई-पास के लिए जो सरकार ने निर्देश जारी किया है यह आम लोगों के लिए परेशानी का सबब साबित हो रहा है। उन्होंने स्वयं ई-पास बनाने के लिए पोर्टल खोला। लेकिन काम नहीं कर रहा था। सरवर डाउन था। इसलिए सरकार को सिर्फ गाइडलाइन को कड़ाई से अनुपालन कराने का निर्देश देना चाहिए।

प्रवीण कुमार सिंह, निदेशक टॉपर्स कॉमर्स, मधुपुर।

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सुबह से ही मोटरसाइकिल का ई- पास के लिए कई बार ट्राई किया। लेकिन पोर्टल खुल ही नहीं रहा है। जिस कारण उन्होंने मोटरसाइकिल से बाजार जाने के बजाय पैदल ही चला गया। पिछले वर्ष संपूर्ण लॉकडाउन में ई- पास की कोई जरूरत नहीं थी। लेकिन ऐसा क्या हो गया कि सरकार अपने ही शहर में वाहन से चलने के लिए ई-पास की बात कर रही है। यह लोगों के लिए परेशान करने वाली गाइडलाइन है।

राकेश कुमार, कुंडूबंगला मोहल्ला, मधुपुर।

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ई-पास के बारे में अधिकांश ग्रामीणों को पता तक नहीं है। ऐसे में अगर कोई ग्रामीण दवा, राशन, जरूरी सामान की खरीदारी के लिए बाजार आते हैं तो उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। यह नए नियम आम आवाम के लिए हितकारी नहीं है। इसलिए सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का अनुपालन कराने के लिए पदाधिकारी को सख्ती से पेश आना चाहिए। ई-पास के नियम को सरकार को वापस लेना चाहिए। जनहित में उचित नहीं है।

राधेश्याम वर्मा, ग्राम चरपा, मधुपुर।

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