लॉकडाउन से ही कम होगी संक्रमण की रफ्तार
जागरण संवाददाता देवघर जिस रफ्तार से कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है। इसकी रफ्तार क
जागरण संवाददाता, देवघर : जिस रफ्तार से कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है। इसकी रफ्तार को कम करने के इसकी कड़ी को तोड़ना काफी अहम माना जा रहा है। कड़ी टूटेगी कैसे, यह बहस का मुद्दा बन गया है। जानकार सहित आम लोगों की धारणा है कि चेन को तोड़ने के लिए फिर से एक बार लॉकडाउन लगाया जाना चाहिए। भले ही वह एक सप्ताह या दस दिन का ही हो, इस पर अमल होना चाहिए। हालांकि व्यवसायिक संगठनों ने 21 से 25 अप्रैल तक स्वत: लॉकडाउन लगाने की घोषणा की है। फिर सवाल उठता है कि लॉकडाउन हुआ तो दैनिक कामगारों का क्या होगा। रिक्सा, ठेला, चाय-नाश्ता दुकान सहित छोटे-मोटे उन दुकानदारों का क्या होगा। जो दिन भर कड़ी मेहनत के बाद दो जून की रोटी का जुगाड़ करते है। यदि लॉकडाउन लगाया जाता है तो केंद्र या राज्य सरकार ऐसे लोगों के लिए क्या, कुछ कर सकती है। लॉकडाउन लगाया गया तो जिला प्रशासन कैसे इन परिस्थितियों से निपटेगी। यह सवाल उस वक्त तक अधूरा है, जब तक लॉकडाउन को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया जाता।
बिलासी निवासी सुरेशानंद झा ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए लॉकडाउन लगाना चाहिए। संक्रमण की स्पीड को कम करने के लिए यही सबसे कारगर उपाय है। एक बार ब्रेक लगा तो काफी हद तक संक्रमण के फैलने पर अंकुश लगाया जा सकता है। लोग चाहे तो खुद ही नियमों का पालन कर इसको फैलने से रोकने में अपना योगदान दे सकते है लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है।
अमन सिन्हा, हाथीपहाड़ निवासी ने कहा कि कोरोना संक्रमण जिस तेजी से फैल रहा है। इस गति को कम करना बेहद जरूरी है। इसके लिए लॉकडाउन ही एक मात्र विकल्प है। हर दिन संक्रमण का आंकड़ा सौ से पार जा रहा है बावजूद लोग उतनी गंभीरता नहीं बरत रहे हैं, जितनी बरतनी चाहिए। ऐसे में पूरी तैयारी के साथ पहले एक पखवाड़े के लिए सरकार को लॉकडाउन लगाने की घोषणा करनी चाहिए।
नवीन शर्मा, बेलाबगान निवासी ने कहा कि समय की मांग है लॉकडाउन। लेकिन लॉकडाउन से दिनचर्या की जरूरतों को पूरा करने वाले जैसे सब्जी विक्रेता, दवा विक्रेता, अनाज दुकान को लॉकडाउन से मुक्त रखना चाहिए। साथ ही घर-घर ठेला पर सब्जी पहुंचाने वालों को छूट देनी चाहिए। ताकि इस दौरान लोगों को उनकी रोजमर्रा की जरूरतें पूरी होतीं रहे और चेन को तोड़ा जा सके।
बमबम बाबा कॉलोनी संजीव कुमार झा, ने कहा कि संक्रमण का खतरा दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है। हर दिन सैकड़ों की संख्या में लोग इसके शिकार हो रहे हैं। कई जानें भी जा चुकी है। लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए लॉकडाउन एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। परिस्थिति की मांग भी है। लॉकडाउन से ही संक्रमण की चेन को तोड़ना संभव हो पाएगा। इसके लिए सरकार को कड़े फैसला लेना पड़े तो अवश्य लेना चाहिए।