वृंदावन की लीला मंडली ने कालिया नाग मर्दन का किया प्रदर्शन

संवाद सहयोगी चितरा दुखिया बाबा शिव मंदिर प्रांगण में श्रीश्री 1008 श्री दुर्गा महायज्ञ के दौरान

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 11:37 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 11:37 PM (IST)
वृंदावन की लीला मंडली ने कालिया नाग मर्दन का किया प्रदर्शन
वृंदावन की लीला मंडली ने कालिया नाग मर्दन का किया प्रदर्शन

संवाद सहयोगी, चितरा : दुखिया बाबा शिव मंदिर प्रांगण में श्रीश्री 1008 श्री दुर्गा महायज्ञ के दौरान सोमवार की रात वृंदावन की लीला मंडली ने कालिया नाग मर्दन की प्रस्तुति दी। जिसे देखकर दर्शक भाव विभोर हो गए। ईश्वर ही इस संसार में अपनी लीला दिखाने के लिए हर तरह का ताना-बाना बुनते हैं। जो भी हो रहा है। वह पूर्व निर्धारित रहता है। सब कुछ जानते हुए भी भगवान अंजान बने रहते हैं। मनुष्य रूप में सबों के बीच रह कर ऐसा कार्य कर जाते हैं जिसे देख मानव जाति उन्हें ईश्वर मानने को विवश हो जाती है। उनके आचरण, चमत्कार पूर्ण कार्य की बदौलत ही ईश्वर और मनुष्य में अंतर स्पष्ट होता है। एक मनुष्य विपत्ति आने पर घबरा जाते हैं। लेकिन श्री कृष्ण के साथ विपत्ति और विपरीत परिस्थिति उनके इस पृथ्वी पर प्रादुर्भाव होने के साथ ही प्रारंभ हुई। इसे जन्म के दौरान दर्शाया गया। मामा कंस दरबार लगाकर अपने मंत्रियों से सलाह मशविरा करते हैं कि उसे बाहरी शत्रु से कोई भय नहीं है। उन्हें आंतरिक शत्रुओं से ही डर है। उसके विनाश के लिए अपनी बहन देवकी और जीजा वासुदेव को कारागार में डाल देते हैं। श्री कृष्ण का जन्म असाधारण परिस्थिति में कारागार में हुआ। उनका मामा कंस हत्यारा था। उसने उनकी हत्या के लिए पूतना को लगाया। लेकिन वह भी उपाय काम नहीं आया। श्री कृष्ण अपने भक्तों और चहेतों की रक्षा किस प्रकार करते हैं। यह कालिया नाग मर्दन के मंचन के दौरान स्पष्ट हो गया। उसके विष से जमुना जी का पानी विषैला हो गया था। पशु पक्षी मानव सभी त्रस्त थे। जो भी उस जल का सेवन कर लेता, उसके प्राण पखेरू उड़ जाते थे। ग्वाल बाल सखा के साथ खेलते-खेलते गेंद जमुना जी के कालिया दह में गिर जाती है। श्री कृष्ण कालिया नाग का मर्दन कर अपने भक्तों के साथ-साथ सभी प्राणियों की रक्षा करते हैं। यही दृश्य दर्शाया गया।

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