आने वाली पीढ़ी के लिए मददगार होगा कला दीर्घा
देवघर देवघर में कला दीर्घा की कमी पूरी हो गयी। शुभारंभ के अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य
देवघर: देवघर में कला दीर्घा की कमी पूरी हो गयी। शुभारंभ के अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री कृष्णानंद झा ने कहा कि कला उस कालखंड समाज और राष्ट्र का प्रतिबिब होता है। पेंटिग से कालखंड का परिचय होता है। इसलिए उसकी महत्ता हमेशा बनी रहती है। कलाकार वही है जो कला के प्रति अपने को समर्पित कर दिया। इस दिशा में मार्कंडेय जजवाड़े ने युवा पीढ़ी को एक राह दिखाने की कोशिश की है। उम्मीद करते हैं कि कला के प्रति समर्पित देवघर के कलाकारों को यह कला दीर्घा और आगे ले जाने में मददगार होगा। भावी पीढ़ी को इससे सीखने और अपनी प्रतिभा को निखारने का अवसर मिलेगा।
पूर्व मंत्री तथा हिदी विद्यापीठ के व्यवस्थापक कृष्णानंद झा, पुलिस अधीक्षक धनंजय कुमार सिंह, एएस महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर अनिल कुमार झा, दिगंबर जैन धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष ताराचंद जैन और देवघर महाविद्यालय के अवकाश प्राप्त प्रोफेसर रामनंदन सिंह ने दीप प्रज्वलित कर विलासी में विनायक कला दीर्घा का शुभारंभ किया।
मुख्य अतिथि ने कहा कि कला दीर्घा का उद्घाटन कला के क्षेत्र में ऐतिहासिक है। संताल परगना में पहली बार कला दीर्घा का उद्घाटन मारकंडेय जजवाड़े के सौजन्य से हो रहा है। कहा कि बचपन से ही इनमें कला की प्रतिभा रही है। तीन दशक पहले इनके पिता विनायक जजवाड़े ने पेंसिल से बनाई एक चित्र मुझे दिखलाई थी जो नरसिंह मिश्र की थी। कृष्णानंद झा ने कहा कि कलाकार जब तक समाज के प्रति समर्पित नहीं होगा तब तक वह सच्चा कलाकार नहीं हो सकता। कला में समाज राष्ट्र की झलक मिलती है।
विशिष्ट अतिथि एसपी धनंजय कमार सिंह ने कहा कि एक अच्छा काम हुआ है। स्थानीय व्यवसायियों, बुद्धिजीवियों को चाहिए कि कलाकारों को हर संभव सहायता करें। इस वर्ग की अनदेखी के कारण ही आज कलाकारों को वह पहचान नहीं मिल पाती है। प्राचार्य डाक्टर अनिल कुमार झा ने कहा कि पुटरु में पिकासो की झलक मिलती है। इनका कद्दू से बनाया गया एक अबला का चित्र आज भी झकझोर देता है। दिगंबर जैन धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष ताराचंद जैन ने कलाकार मार्कंडेय से कहा कि वह प्रकृति से भी कला को जोड़ें। शिव बारात से राष्ट्रीय पहचान की भी चर्चा की। सेवानिवृत्त प्रोफेसर रामनंदन सिंह ने कलाकारों की कठिन यात्रा की चर्चा की। मंच संचालन रामसेवक सिंह गुंजन तथा धन्यवाद ज्ञापन मारकंडेय जजवाड़े ने किया और कहा कि यह कला दीर्घा अपनी प्रदर्शनी लगाने के लिए कलाकारों को निश्शुल्क दी जाएगी।
इस अवसर कलाकार पावन राय, पिनाकी चक्रवर्ती, नरेंद्र पंजियारा, सुनील अग्रवाल, अर्जुन श्रीवास्तव, लक्ष्मण राव, अजीत केसरी, मानस झा, मनीष पाठक के अलावा डा. नीतू , ममता किरण, मधु कुमारी और गायक अजित मौजूद थे।