प्राइवेट लैब से मरीजों को मिल रही गलत जांच रिपोर्ट
जागरण संवाददाता देवघर प्राइवेट पैथोलॉजी में मरीजों को न केवल गलत रिपोर्ट बल्कि अनधि
जागरण संवाददाता, देवघर : प्राइवेट पैथोलॉजी में मरीजों को न केवल गलत रिपोर्ट बल्कि अनधिकृत रूप से ब्लड की भी सप्लाई की जाती है। यह आरोप जननी शिशु सुरक्षा के नोडल पदाधिकारी डॉ. रवि रंजन ने लगाया है। इस बावत उन्होंने सिविल सर्जन को पत्राचार कर मामले की जांच कराकर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। डॉ. रंजन का कहना है कि मामला तब पकड़ में आया जब सदर अस्पताल में दो महिलाओं को प्रसव के लिए लाया गया। इसमें 22 जून को सुमा कुमारी उर्फ सुमन देवी व रूही कुमारी को प्रसव के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। सुमन देवी को पहले प्रसव के लिए 30 मई 2019 को सदर अस्पताल लाया गया। उस दौरान महिला का ब्लड ग्रुप जानने के लिए टेस्ट कराया गया। जिसमें नारायणी लैब ने रिपोर्ट ए-निगेटिव दिया। उसी दौरान संत फ्रांसिस हॉस्पिटल के लैब से ब्लड ग्रुप ए-पॉजिटिव दिया गया। वहीं सुमन देवी को द्वितीय प्रसव के लिए 22 जून 2021 को सदर अस्पताल लाया गया। इस दौरान फिर से महिला के ब्लड ग्रुप की जांच हुई। जिसका सदर अस्पताल स्थित लैब व सम्राट लैब ने ए-पॉजिटिव का रिपोर्ट दिया। रूही कुमारी के ब्लड ग्रुप की रिपोर्ट अलग-अलग वहीं रूही कुमारी के नियमित जांच के सदर अस्पताल आने के दौरान 21 जनवरी 2021 को ब्लड ग्रुप की जांच कराई गई तब मां तारा लैब ने उनका ब्लड ग्रुप का रिपोर्ट बी-निगेटिव बताया गया था। 22 जून को प्रसव के लिए भर्ती होने के दौरान कराए गए ब्लड ग्रुप का सदर अस्पताल स्थित एसआरएल लैब व सम्राट लैब ने बी-पॉजिटिव बताया। महिला का सामान्य प्रसव कराया गया। इसलिए ब्लड चढ़ाने की आवश्यकता नहीं पड़ी। जांच रिपोर्ट में चिकित्सक का ऑनलाइन या प्रिटेड हस्ताक्षर कराया होता है। डॉ. रंजन का मानना है कि प्राइवेट लैब द्वारा इस तरह का जांच रिपोर्ट दिए जाने से मरीजों की जान तक जाने की आशंका बनी रहती है। इतना नहीं कई प्राइवेट लैब ब्लड डोनर से रक्त लेकर अनाधिकृत रूप से रक्त की सप्लाई भी करते हैं।
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मामला संज्ञान में आया है। मामले की जांच कराई जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने वाले लैब पर कार्रवाई की जाएगी। लैब संचालक नियमों को पालन गंभीरता से करें।
डॉ. युगल किशोर चौधरी, सिविल सर्जन, देवघर