पाबंदियों के बावजूद भी सावन की दूसरी सोमवार को बाबा मंदिर पहुंचे कांवरिया

फोटो 081014 -बाबा के चौखट पहुंच लगाई हाजरी संकल्प भी किया बाबा के दर्शन को लालायित भ

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 06:25 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 06:25 PM (IST)
पाबंदियों के बावजूद भी सावन की दूसरी सोमवार को बाबा मंदिर पहुंचे कांवरिया
पाबंदियों के बावजूद भी सावन की दूसरी सोमवार को बाबा मंदिर पहुंचे कांवरिया

फोटो 08,10,14

-बाबा के चौखट पहुंच लगाई हाजरी, संकल्प भी किया, बाबा के दर्शन को लालायित भक्त पहुंच रहे बाबा धाम

-एक भक्त बाबा मंदिर के सामने सड़क पर ही दंडवत होकर पंचशूल का दर्शन कर किया प्रणाम जागरण संवाददाता, देवघर : भगवान और भक्त के बीच श्रद्धा और आस्था का रिश्ता है। कोरोना बढ़ते संक्रमण की संभावना को देखते हुए इस वर्ष श्रावणी मेला नहीं लगाने का सरकार ने निर्णय लिया है। भगवान शिव के भक्त ने सरकार के इस निर्णय को माना लिया है। इससे कांवर यात्रा नहीं हो पा रहा है। बावजूद कुछ भक्त ऐसे हैं पाबंदियों के बावजूद भी बाबा बैद्यनाथ के दर्शन को लालायित श्रद्धालु हर माह देवघर पहुंच रहे हैं। कुछ भक्त तो ऐसे हैं जिन्होंने इस सोच के साथ मंदिर की ओर चल दिया कि बाबा ने बुलाया है तो उनके दर्शन हो ही जाएंगे। पूर्व में उम्मीद तो ऐसी की जा रही थी कि अगर इस वर्ष श्रावणी मेला लगता तो सोमवार को दो लाख से अधिक कांवरिया देवघर पहुंचते। मेला का आयोजन नहीं होने के कारण सड़कों पर कुछ एक शिवभक्त कांवर लेकर देवघर की सड़कों पर बोल बम बोल बम करते दिखे। मंदिर से एक किलोमीटर दूर ये कांवरिया बम बम बाबा पथ से होते हुए मंदिर की ओर आ रहे थे। बाबा के यह दोनों भक्त बिहार के कैमूर जिले के भभुआ से आए थे। एक का नाम प्रमोद सिंह और दूसरे का नाम प्रकाश सिंह। बताया कि मंदिर बंद है, मन के जिस कोने से से देखता हूं देवघर के कण कण में शंकर हैं। बाबा बैद्यनाथ के दरबार में हाजिरी लगा दिया बस हो गयी मन की मुराद पूरी।

इधर बाबा बैद्यनाथ की प्रात:कालीन पूजा के लिए मंदिर का पट सुबह चार बजे खुला। कांचाजल अर्पित होने के बाद सरदार पंडा गुलाब नंद ओझा ने बाबा की सरकारी पूजा की। इसके बाद सुबह नौ बजे तक तीर्थ पुरोहितों ने पूजा अर्चना की। सोमवार की कारण बेल पत्र प्रदर्शनी में शामिल होने वाले समाज के सदस्यों ने चांदी की थाल में सुंदर बेल पत्र लेकर बाबा को अर्पित किया। शाम में मंदिर प्रांगण में प्रदर्शनी लगाई गयी।

उधर झारखंड-बिहार की सीमा दर्दमारा में सुरक्षा बलों का कड़ा पहरा था जहां एक भी वाहन को देवघर में प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा था। वाहनों की लंबी कतार लगी थी। पुलिस को यहां सीमा पर काफी मशक्कत करना पड़ता है। कांवरिया पथ का प्रवेश द्वार दुम्मा में भी सख्त पहरेदारी है। लेकिन कांवरिया बीच का कोई रास्ता निकालकर पगडंडी पर चलकर चोरी छिपे शिवगंगा पहुंच रहे हैं। सोमवार को शिवगंगा के आसपास की बात तो छोड़ दें मंदिर के समीप भी गेरूआ वस्त्र पहने बोल बम करते भक्त दिखे। पूछने पर पता चला कि यह सभी रेलमार्ग से पहुंचे थे। पुरोहित ने इनकों संकल्प कराया और इनका जल लेकर जाकर अर्पित कर दिया। यह वह समय था जब मंदिर का पट खुला हुआ था। सोमवार होने के कारण उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री भी व्यवस्था को देखने के लिए मंदिर पहुंचे थे। मंदिर के वीआइपी गेट के सामने पटना के कुछ भक्त पूजा करने की कोशिश में थे। जिनको वहां तैनात पुलिस पदाधिकारी ने समझाकर वापस भेज दिया। एक भक्त वहीं सड़क पर दंडवत होकर पंचशूल का दर्शन कर प्रणाम किया।

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