नहीं हो रही भक्तों की इच्छा पूरी, बाहर से दर्शन कर मन में कर रहे संतोष

जागरण टीम देवघर कोरोना संक्रमण के कारण लगातार दूसरे वर्ष विश्व प्रसिद्ध श्रावणी म

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 06:15 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 06:15 PM (IST)
नहीं हो रही भक्तों की इच्छा पूरी, बाहर से दर्शन कर मन में कर रहे संतोष
नहीं हो रही भक्तों की इच्छा पूरी, बाहर से दर्शन कर मन में कर रहे संतोष

जागरण टीम, देवघर : कोरोना संक्रमण के कारण लगातार दूसरे वर्ष विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला नहीं लग रहा है। मंदिर के चारों ओर प्रशासन ने सख्त पहरा लगाया है। जिले के सीमा पर विशेष चौकसी है। वहीं शहर के अंदर भी जगह-जगह पर बैरिकेट व बेरियर लगाया गया है। प्रशासन लगातार शिव भक्तों से अनुरोध कर रहा है कि वे घर में ही रहकर बाबा भोले की पूजा करें। मंदिर में पारंपरिक तौर पर बाबा की पूजा पुरोहित कर रहे हैं उसका लाइव प्रसारण किया जा रहा है। लोग घर बैठे बाबा भोले का दर्शन कर सकते हैं। लेकिन बाबा के भक्तों की इच्छा पूरी नहीं हो पा रही है। वे बाबा से आमने-सामने मिलना चाह रहे हैं। बाबा के दर्शन की इच्छा लिए कुछ लोग चोरी छीपे बाबाधाम पहुंच रहे हैं और बाहर से ही बाबा भोले का दर्शन कर मन में संतोष कर रहे हैं। उधर श्रावण मास के पहले दिन बाबा मंदिर में रविवार को विशेष पूजा की गई। सुबह 4:30 बजे बाबा भोले का पट खुला। उसके बाद पुरोहित विनोद झा ने पारंपरिक तौर पर बाबा भोले की पूजा की। वहीं पुरोहितों ने बाबा भोले को कांचा जल अर्पित किया। उसके बाद सुबह करीब 7:30 बजे बाबा मंदिर का पट बंद कर दिया। इस दौरान मंदिर में पुरोहितों के अलावा वहां डयूटी पर तैनात पुलिस कर्मी ही मौजूद थे। पहली सोमवार को लेकर प्रशासन सतर्क श्रावण की पहली सोमवार को लेकर प्रशासन सतर्क है। कुछ कांवरिया जबरन आने का प्रयास कर सकते हैं। उन्हें रोकने के लिए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम कियाहै। सीमा पर चौकसी बढ़ाने के साथ ही मंदिर के आसपास के इलाके में कांवरियों के प्रवेश पर रोक लगाने की तैयारी है। जगह-जगह पर पुलिस कर्मी 24 घंटे तैनात है। रविवार को शहर के आसपास के इलाके व मंदिर के आसपास लोगों की काफी कम भीड़ देखी गई। प्रशासन को उम्मीद है कि वे कांवरियों को यहां आने से रोकेंगे। लोगों से बिहार सरकार की मदद से लगातार आग्रह किया जा रहा है कि चूंकि मंदिर बंद है इस कारण वे यहां न आएं। प्रशासन के तमाम प्रयास के बावजूद कुछ कांवरियां यहां पहुंचने पर सफल हो गए। कहते हैं कांवरिया-मन्नत पूरा करने को यहां आए हमें जानकारी थी कि बाबा मंदिर बंद है। लेकिन श्रावण मास में पूजा करने की मन्नत मां व पिता ने काफी पहले ली थी। इस मन्नत को पूरा करने के लिए ही यहां आ गए। बाबा भोले की पूजा नहीं कर पाए लेकिन यहां आने व मंदिर का दूर से दर्शन कर लेने से ही संतोष है।

संजय कुमार, सीतामढ़ी हम व हमारे कई दोस्त 15 साल तक लगातार श्रावण मास में बाबाधाम पूजा करने आते रहे। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो वर्ष से ये परंपरा टूट गई है। मन नहीं माना तो हम अकेले ही बाबा के दर्शन को यहां चले आए। ये पता था कि मंदिर बंद है फिर भी उम्मीद थी कि शायद बाबा भोले का दर्शन हो जाए लेकिन ऐसा हो न सका।

सुजीत कुमार, बाढ़ हमारे इलाके से पूरा का पूरा गांव श्रावण मास में बाबा भोले के दर्शन को आता है। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण दो वर्ष से मंदिर बंद रहने के कारण बाबा भोले का दर्शन नहीं हो पा रहा है। ये परंपरा टूट सी गई है। इसलिए जब मन नहीं मना तो चले आए। दूर से ही बाबा का पंचशूल का दर्शन हो गया यहीं बहुत है। अनिल कुमार, समस्तीपुर किन्ही कारण से 2019 में बाबाधाम नहीं आ पाया। पिछले वर्ष कोरोना के कारण आने का मौका नहीं मिला। इस बार भी पता चला कि मंदिर बंद है। लेकिन दो वर्ष से बाबा का दर्शन नहीं हो पाने के कारण मन काफी बेचैन हो रहा था। इस कारण यहां चला आया। बाबाधाम पहुंच गए तो माना बाबा का दर्शन हो गया। राजकिशोर राय, चंदौली

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