धैर्य, दवा एवं घरेलू उपचार से मरीज हो रहे ठीक

संवाद सहयोगी मधुपुर (देवघर) कोरोना को लेकर लापरवाही नुकसानदेह है। इससे डरने की

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 11:46 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 11:46 PM (IST)
धैर्य, दवा एवं घरेलू उपचार से मरीज हो रहे ठीक
धैर्य, दवा एवं घरेलू उपचार से मरीज हो रहे ठीक

संवाद सहयोगी, मधुपुर (देवघर) : कोरोना को लेकर लापरवाही नुकसानदेह है। इससे डरने की नहीं बचाव की जरूरत है। मधुपुर अनुमंडल अस्पताल में पदस्थापित प्रसूति व महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. संगीता छाया ने बुधवार को दैनिक जागरण से बात करते हुए कहा कि गर्भवती महिलाओं को इस वायरस से सतर्क रहने की आवश्यकता है। खुद को घर में आइसोलेट कर लें। बाहरी लोगों के संपर्क में नहीं रहें। पौष्टिक आहार लें। चिकित्सक की सलाह से व्यायाम करें एवं दवा लें। नियमित चेकअप कराते रहें। कोरोना के लक्षणों में बदलाव आ रहा है। ऐसे में बुखार, गले में खरास, सिरदर्द, खांसी, नाक बहना, पेट में ऐंठन, दस्त और स्वाद व गंध नहीं मिलने की शिकायत पर तुरंत जांच कराएं। यहां यह भी ध्यान दें कि हर बुखार, सर्दी व खांसी कोरोना नहीं है। जांच में पॉजिटिव आने पर घबराएं नहीं। खुद को घर में आइसोलेट कर, धैर्य, दवा एवं घरेलू उपचार से 80 से 90 फीसद मरीज ठीक हो रहे हैं। नकारात्मक सोच व डर खतरनाक हो सकता है। इस बीमारी को संयम, हिम्मत, आइसोलेशन व दवा से हराया जा सकता है। स्थिति भयावह होने की सबसे बड़ी वजह गाइडलाइन का पालन नहीं करना, बीमारी को छिपाना एवं इंसानियत का खत्म होना है। याद रहे मरीज से भले ही शारीरिक दूरी बनाएं मगर उसे हमेशा यह भरोसा दिलाएं कि सभी उनके साथ हैं। कई मामलों में समुचित देखभाल व उपचार नहीं होने की वजह से मरीज की मौत हुई है।

डॉ. संगीता छाया ने बताया कि शरीर में इम्यूनिटी बढ़ाने वाला भोजन करें। विटामिन सी की गोली, नींबू -पानी एवं आयुर्वेदिक की दवाई निरंतर लेते रहें। सुबह-दोपहर-शाम और रात के खाने पीने को व्यवस्थित करना होगा। दिनभर में चार लीटर पानी जरूर पिएं। रात को सोते समय और सुबह उठकर भाप जरूर लें। इससे गले और फेफड़ों में जमा कफ आसानी से बाहर निकल आता है। कोरोना के अधिकतर मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है। खुद को घर के एक कमरे में आइसोलेट कर लें। कमरा हवादार हो एवं पंखा हमेशा चालू रखें। खांसी और चिक्की के समय नाक व मुंह को ढक लें। बुखार की नियमित जांच करते रहें। ऑक्सीजन लेवल 93 से कम हो तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लें एवं अस्पताल में भर्ती हो जाए या घर पर ही चिकित्सक की सलाह से उपचार करें।

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