कुपोषण से जंग में केविके निभा रहा महती भूमिका

जागरण संवाददाता देवघर कुपोषण से जंग में कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि विज्ञानी भी अहम भूमिक

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 08:00 AM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 08:00 AM (IST)
कुपोषण से जंग में केविके निभा रहा महती भूमिका
कुपोषण से जंग में केविके निभा रहा महती भूमिका

जागरण संवाददाता, देवघर : कुपोषण से जंग में कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि विज्ञानी भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। एक से 30 सितंबर तक चल रहे पोषण माह के दौरान जिला समाज कल्याण के संग केविके की ओर से तीन चरणों अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन कर न सिर्फ कुपोषण को भगाने के लिए तयशुदा तैयार नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने की पहल की है बल्कि पोषण वाटिका तैयार करने के लिए तकनीकी जानकारी के अलावा ग्रामीण महिलाओं के बीच इफ्को फाउंडेशन की ओर से कई तरह की सब्जियों का बीज वितरित किया गया।

इसकी जानकारी देते हुए केवीके के पौधा संरक्षण विज्ञानी डॉ.विवेक कश्यप ने कहा कि पहले चरण में कृषि विज्ञान केंद्र के सुजानी परिसर में तकरीबन आंगनबाड़ी केंद्रों व आसपास की 40 महिलाओं के बीच वैज्ञानिक तरीके से पोषण वाटिका तैयार करने की जानकारी दी गई। आयोजन में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अनीता कुजूर, केवीके के प्रधान विज्ञानी डॉ.पीके शनिग्रही खास तौर पर मौजूद थे। दूसरा कार्यक्रम मधुपुर में आयोजित की गई जिसमें तकरीबन 35 एवं तीसरा आयोजन पालोजोरी प्रखंड में किया गया जिसमें तकरीबन 25 महिलाओं ने हिस्सा लिया। इन कार्यक्रमों में ग्रामीण महिलाओं को संगोष्ठियों के माध्यम से पोषण से संबंधित जानकारियां देने के अलावा पौष्टिक आहार के बारे में भी जानकारी दी गई। पालोजोरी की बाल विकास परियोजना पदाधिकारी ऋतु कुमारी ने ग्रामीण इलाकों में पोषण वाटिका के महत्व पर विशेष जोर देते हुए कहा कि गांव के हर घर व आंगन में इसकी अपार संभावनाएं हैं।

पोषण वाटिका के जरिए घर में ही सालों भर हरी सब्जियां, फल, खाद्यान्न पैदा कर महिलाएं इसे अपने आहार में शामिल कर सकती हैं। कृषि विज्ञानी विवेक कश्यप ने पोषण वाटिका को स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए रोग व कीट प्रबंधन की जानकारी दी। गृह विज्ञानी हर्षिता विष्ठ ने पोषण थाली के बारे में बताते हुए कहा कि खाद्य पदार्थाें में पाए जाने वाले पोषक तत्वों का विशेष महत्व है। उन्होंने इस दौरान बायोफार्टीफाइड खाद्य की भी जानकारी दी। शस्य विज्ञानी राजन ओझा ने घरेलू अपशिष्ट पदार्थों की उपयोगिता पोषण वाटिका में करने व इसके जरिए जैविक खेती को बढ़ावा दिए जाने की जानकारी दी। पशु विज्ञानी डॉ.पूनम सोरेन ने पशुधन के महत्व एवं इनसे उत्पादित पोषक तत्वों की जानकारी दी।

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