देवघर के विकास में मील का पत्थर साबित होगा एम्स
जागरण संवाददाता देवघर एम्स देवघर के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। शनिवार
जागरण संवाददाता, देवघर : एम्स देवघर के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। शनिवार को एम्स के ओपीडी की सेवा शुरू हो रही है। ओपीडी फिलहाल एम्स के आयुष भवन में संचालित किया जाएगा। बाद में ओपीडी भवन में शिफ्ट किया जाएगा। इसके साथ ही इस वर्ष यहां मेडिकल सेवा में और विस्तार होने की उम्मीद है। 2022 तक एम्स पूरी तरह से बन जाएगा। इससे मेडिकल के क्षेत्र में अब तक पिछड़ा देवघर देश के नक्शे में अलग मुकाम हासिल कर लेगा। सिर्फ देवघर वासियों के लिए ही नहीं बल्कि पूरे संताल परगना सहित देवघर से सटे बिहार झारखंड व बंगाल के एक दर्जन से अधिक जिलों के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा आसानी से मिलेगी।
छात्रों के पहले बैच की हो रही पढ़ाई देवघर शहर के पंचायत प्रशिक्षण संस्थान में अभी एम्स में 50 छात्रों का पहला बैच अध्ययनरत है और जल्द ही दूसरे बैच की पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी। दूसरे बैच में 100 छात्रों का दाखिला होना है। ये होंगी सुविधाएं कुल 237 एकड़ में देवघर एम्स के निर्माण में करीब 1103 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। फिलहाल एम्स 700 बेड का बन रहा है जिसका विस्तार 3000 बेड तक किया जाएगा। यहां मेडिकल कॉलेज, एएनएम कॉलेज, छात्रावास व शिक्षकों के रहने का इंतजाम हो रहा है। छात्रावास भवन 22 मंजिला बन रहा है। अस्पताल में ओपीडी में मरीजों के लिए अत्याधुनिक व्यवस्था होगी। यहां इलाज कराने आने वाले मरीजों के पंजीयन के लिए विशेष इंतजाम हो रहे हैं। वहीं विभिन्न विभागों के लिए अलग से व्यवस्था होगी। अत्याधुनिक ऑपरेशन थियेटर होगा। यहां हर तरह की बीमारी की जांच व उपचार की व्यवस्था होगी। एम्स का ट्रामा सेंटर मे दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायलों का इलाज होगा। आपातकालीन सेवा के लिए अलग व्यवस्था रहेगी। भर्ती मरीजों के लिए भी खास इंतजाम किया जाएगा। इसके लिए जनरल वार्ड, पेइंग वार्ड, आईसीयू, सीसीयू आदि बनेंगे। परिसर में एम्स के स्टाफ के बच्चों के शिक्षा के लिए केन्द्रीय विद्यालय निर्माण का भी प्रस्ताव है। इसमें करीब चार हजार बच्चे शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। साथ ही यहां खाना पीने, पार्किंग आदि की भी समुचित व्यवस्था होगी। अंदर पार्क व स्वीमिग पुल भी बन रहा है। अलग पावर सब स्टेशन बिजली आपूर्ति के लिए यहां एक अलग पावर सब स्टेशन भी बन रहा है। एम्स परिसर में व्यापक पैमाने पर पौधारोपण भी हो रहा है। वहीं चारों ओर सड़क निर्माण कार्य भी जारी है। एम्स के निर्माण का काम एनबीसीसी कंपनी को मिला है। इसका शिलान्यास 25 मई 2018 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आनलाइन किया था। इसे 2021 में पूरा होना था। लेकिन कोविड-19 संक्रमण के कारण अब अगले वर्ष तक इसके पूरा हो जाने की उम्मीद है। तेजी से हो रहा निर्माण कार्य एम्स में निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। नाइट सेल्टर का काम लगभग 90 प्रतिशत, 22 मंजिला छात्रावास का काम जारी है और 13 मंजिल का निर्माण चल रहा है, 700 बेड के वार्ड में से 300 बेड का काम हो चुका है, ट्रामा सेंटर का काम लगभग 70 प्रतिशत, नर्सिंग कॉलेज का काम लगभग 60 प्रतिशत, मेडिकल कॉलेज का काम लगभग 60 प्रतिशत, एएनएम आवास का काम लगभग 50 प्रतिशत, पार्क, सड़क, पार्किंग का काम भी तेजी से जारी है। वहीं केन्द्रीय विद्यालय के लिए केन्द्र से मंजूरी मिल गई है लेकिन अभी काम शुरू नहीं हुआ है। एम्स परिसर का काम 11 करोड़ की लागत से पूरा हो चुका है।