लगातार बारिश से धान का बिचड़ा डालने में समस्या

संवाद सहयोगी करौं (देवघर) प्रखंड के 80 फीसद लोगों की जीविका कृषि पर निर्भर है। जबकि

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 06:45 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 06:45 PM (IST)
लगातार बारिश से धान का बिचड़ा डालने में समस्या
लगातार बारिश से धान का बिचड़ा डालने में समस्या

संवाद सहयोगी, करौं (देवघर): प्रखंड के 80 फीसद लोगों की जीविका कृषि पर निर्भर है। जबकि खेती कार्य आज भी मानसूनी वर्षा पर निर्भर है। लेकिन समय से पहले मानसून आने पर लगातार बारिश से किसानों की चिता बढ़ गई है। खेत पानी से भर गए हैं। खेतों की जुताई भी अभी नहीं हुई है। जिन खेतों में धान का बिचड़ा डालना था, उसमें दो से तीन फीट तक पानी लग गया है। किसानों ने बताया कि जिन खेतों में बिचड़ा डालते हैं, उसे एक माह पूर्व जोताई कर घास निकालकर साफ करते हैं। उसमें जैविक खाद आदि डाल कर 15 जून से धान का बिचड़ा डालते हैं। इस वर्ष मई में ताउते व यास चक्रवात के आने के बाद से लगातार जमकर बारिश होने के कारण किसान बिचड़ा डालने के लिए खेत तैयार नहीं कर पाये हैं। वहीं जून में समय से पहले ही मानसून आ जाने के कारण लगातार झमाझम बारिश होने से सभी खेतों में पानी लग गया है। इससे किसानों के सामने धान का बिचड़ा गिराने के लिए समस्या बन गया है। किसान आनंद मंडल ने कहा कि किसान खेती की शुरुआत परशुराम जयंती यानी अक्षय तृतीया को खेतों में विधिवत पूजा पाठ करने के बाद करते है। खेतों की जोताई करते और घास की सफाई करते हैं। लेकिन इस वर्ष 14 मई को अक्षय तृतीया था। 17 मई से ताउते एवं 26 मई से यास चक्रवात आ जाने से जमकर बारिश होने के कारण खेतों की जुताई नही हुई। वहीं 12 जून से मानसून शुरू हो गया। झमाझम बारिश होने के कारण खेतों में दो फीट पानी लग गया है। इससे धान का बिचड़ा गिराने की समस्या उत्पन्न हो गई है। इस वर्ष खेती में देरी होने की आशंका दिख रही है। आनंद मंडल, किसान खेतों में बिचड़ा में डालने का समय जा रहा है। इस वर्ष खेती कैसे होगी इस बात की चिता की बात है। खेती के लिए सरकार को आर्थिक मदद करनी चाहिए। शूकर महतो, किसान समय पर बिचड़ा नहीं डालने से किसानों आर्थिक हानि होगी। यहां के किसान परंपरागत तरीके से खेती करते हैं। खेतों में बिछड़ा तैयार होने के बाद इसे रोपा जाता है। लेकिन बिचड़ा तैयार कर अच्छे तरीके से खेती करनी होगी। सुरेश सिंह, किसान रोहिणी नक्षत्र में खेतों में बीज डाला जाना अच्छा माना जाता है। बारिश के कारण समय गुजर गया है। अभी मृगशिरा नक्षत्र चल रहा है। बिचड़ा डालने के लिए अभी खेतों की जोताई भी नहीं हो सका है। युगल मंडल, किसान।

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