कांटी डैम के पानी को बक्सा डैम में स्टोर करने पर चल रहा विचार

संवाद सहयोगी इटखोरी(चतरा) जिले में निर्मित होने वाली पेयजल आपूर्ति योजना के लिए सिचाई विभाग

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 08:08 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 08:08 PM (IST)
कांटी डैम के पानी को बक्सा डैम में स्टोर करने पर चल रहा विचार
कांटी डैम के पानी को बक्सा डैम में स्टोर करने पर चल रहा विचार

संवाद सहयोगी, इटखोरी(चतरा): जिले में निर्मित होने वाली पेयजल आपूर्ति योजना के लिए सिचाई विभाग के द्वारा पर्याप्त मात्रा में पानी देने से इंकार कर देने के बाद अब कोडरमा जिले के कांटी डैम के पानी को इटखोरी के बक्सा जलाशय में स्टोर करने की योजना पर विचार चल रहा है। ऐसा प्रस्ताव पेयजल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग ने तैयार कर लिया है। मंजूरी के लिए प्रस्ताव को सरकार के पास भेजा जाएगा। मालूम हो कि सिचाई विभाग ने सिर्फ इटखोरी की वृहद पेयजल आपूर्ति योजना के लिए बक्सा जलाशय से पानी देने पर सहमति जताई है। जबकि पेयजल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग को गिद्धौर एवं मयूरहंड प्रखंड के अलावा चतरा शहर के लिए भी पानी की आवश्यकता है। पेयजल आपूर्ति के लिए पानी की आवश्यकता को देखते हुए पेयजल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग ने मयूरहंड प्रखंड के लिए अंजनवा जलाशय, इटखोरी एवं गिद्धौर प्रखंड के लिए बक्सा जलाशय तथा चतरा शहरी पेयजल आपूर्ति योजना के लिए डहुरी डैम से पानी देने का आग्रह सिचाई विभाग से किया था। लेकिन बरही जल पथ प्रमंडल ने सिर्फ इटखोरी प्रखंड के लिए बक्सा जलाशय से 2.23 एमसीएम (मिलियन क्यूबेक मीटर) पानी देने पर सहमति प्रदान की है। जबकि मयूरहंड, गिद्धौर तथा चतरा शहरी पेयजल आपूर्ति के लिए सिचाई विभाग ने पानी देने से इनकार कर दिया है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कनिय अभियंता मंगल सिंह ने बताया कि पानी के स्त्रोत के अभाव को देखते हुए कोडरमा जिला के कांटी डैम के पानी को इटखोरी के बक्सा जलाशय में स्टोर करने पर विचार किया जा रहा है। विभाग के इस प्रस्ताव को अगर मंजूरी मिल जाती है इटखोरी, मयूरहंड, गिद्धौर प्रखंड के अलावा चतरा शहर में पेयजल आपूर्ति की समस्या समाप्त हो जाएगी। उन्होंने बताया कि बक्सा जलाशय में जिस वक्त पर्याप्त मात्रा में पानी रहेगा, उस वक्त पेयजल आपूर्ति के लिए बक्सा जलाशय के पानी का ही इस्तेमाल होगा। फिर जब बक्सा जलाशय में पानी का स्टाक कम हो जाएगा उस वक्त कांटी डैम के पानी को बक्सा जलाशय में स्टोर करने के पश्चात पेयजल की आपूर्ति जारी रखी जाएगी। इसके लिए विशेषज्ञों की देखरेख में बक्सा जलाशय को भूमिगत पाइप लाइन के माध्यम से कांटी डैम से कनेक्ट किया जाएगा।

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सिर्फ इटखोरी एवं गिद्धौर प्रखंड को चाहिए 13 एमएलडी पानी

हर घर तक नल का पानी पहुंचाने के लिए सिर्फ इटखोरी एवं गिद्धौर प्रखंड को करीब 13 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रति दिन) पानी की आवश्यकता है। जबकि वर्ष 2035 में उपरोक्त दोनों प्रखंड के लिए करीब 16 एमएलडी तथा वर्ष 2050 में करीब 21 एमएलडी पानी की जरूरत होगी। इसके अलावा मयूरहंड प्रखंड एवं चतरा शहरी पेयजल आपूर्ति योजना के लिए भी पानी की दरकार है।

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