निमोनिया से बचाव के लिए शिशुओं को लगेगा पीसीवी का टीका

संवाद सहयोगी चतरा शिशुओं को निमोनिया से बचाव करने के लिए अब पीसीवी का टीका लगाया जाएग

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 09:09 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 09:09 PM (IST)
निमोनिया से बचाव के लिए शिशुओं को लगेगा पीसीवी का टीका
निमोनिया से बचाव के लिए शिशुओं को लगेगा पीसीवी का टीका

संवाद सहयोगी, चतरा : शिशुओं को निमोनिया से बचाव करने के लिए अब पीसीवी का टीका लगाया जाएगा। गुरुवार को रांची से ऑनलाइन टीका का शुभारंभ हुआ। प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. राजदेव कुमार ने बताया कि पीसीवी का टीका राज्य से 2500 डोडेज टीका उपलब्ध कराया गया है। यह टीका विभिन्न टीकाकरण केंद्रों पर शिशुओं को निशुल्क लगाया जाएगा। टीका लगाने को लेकर पूर्व में ही स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि निमोनिया फेफड़ों में होने वाला संक्रमण है, जो बैक्टीरिया, वायरस, फंगस अथवा पेरासाइट्स के कारण होता है। इससे फेफड़ों में सूजन हो जाती है एवं उसमें तरल पदार्थ भर जाता है। बैक्टीरिया और वायरस निमोनिया के प्रमुख कारण होते हैं। यह बीमारी तब होती है जब किसी व्यक्ति की सांस के साथ निमोनिया ग्रस्त कीटाणु उसके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता उन कीटाणुओं से लड़ नहीं पाती। तब ये कीटाणु फेफड़े की वायुकोष्ठिका में बैठकर अपनी संख्या बढ़ाने में जुट जाते हैं। जब शरीर इस संक्रमण से लड़ने के लिए श्वेत रक्त कोशिकाओं को भेजता है, तो वायुकोष्टिकाएं तरल पदार्थों और पस से भर जाती हैं, जिसके कारण निमोनिया होती है। बताया कि निमोनिया के शुरुआती लक्षण सर्दी खांसी जैसे हो सकते हैं। ज्यादातर कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग इससे जल्दी ग्रसित होते हैं। जिन बच्चों को पीसीवी का टीका नहीं पड़ा हो उन्हें इस रोग की चपेट में आने की संभावना अधिक रहती है। इसमें मवाद वाली खांसी, तेज बुखार एवं सीने में दर्द की शिकायत होती है और यह समुचित इलाज के अभाव में जानलेवा साबित हो सकता है। इसमें चिकित्सक द्वारा बताई गई दवाओं के सेवन के साथ गुनगुने जल का सेवन एवं पूरा आराम करना चाहिए। सुखद बात यह है कि इस गंभीर रोग को टीकाकरण द्वारा पूरी तरह रोका जा सकता है। इसलिए अपने बच्चों को संपूर्ण टीकाकरण के अंतर्गत सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर निशुल्क उपलब्ध पीसीवी का टीका जरूर लगवाएं। प्रभारी सीएस ने बताया कि यह टीका तीन चरणों मे लगाया जाएगा। पहला टीका डेढ महीना पर लगेगा। जबकि दूसरा व तीसरा टीका ढाई व साढे तीन महीने पर लगाया जाएगा।

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