सदर अस्पताल में जीवनरक्षक दवाइयों का अभाव

संवाद सहयोगी चतरा कोरोना संक्रमण ने हर किसी डरा दिया है। मामूली बीमार पड़ रहे लोग

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 06:47 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 06:47 PM (IST)
सदर अस्पताल में जीवनरक्षक दवाइयों का अभाव
सदर अस्पताल में जीवनरक्षक दवाइयों का अभाव

संवाद सहयोगी, चतरा : कोरोना संक्रमण ने हर किसी डरा दिया है। मामूली बीमार पड़ रहे लोग भी काफी सहमे हुए है। जिसके चलते अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। प्रतिदिन सैकड़ों मरीज किसी न किसी बीमारी का उपचार कराने सदर अस्पताल पहुंच रहे है। लेकिन, जिला अस्पताल में दवाइयों के अभाव ने लोगों की परेशानी और बढ़ा दी है। यहां जनरल दवाइयां भी उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। मरीजों को बाहर की दुकानों पर दवाएं खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच बुखार व एलर्जी की दवाइयों की मांग बढ़ गई है। अस्पताल कर्मियों के मुताबिक पैरासिटामाल, बच्चों का एंटीबायोटिक दवा, बी-काम्प्लेक्स, दर्द की दवा सहित कुछ अन्य जरूरी दवाएं तक मौजूद नहीं हैं। गैस की दवा का भी स्टॉक खत्म होने के कगार पर पहुंच गया है। इसके अलावा अन्य जीवनरक्षक दवाइयां कई महीनों से नही है। ओपीडी में बैठे चिकित्सक दवाइयां लिख रहे लेकिन वह दवा काउंटर पर न मिलने के कारण मेडिकल स्टोर से ऊंचे दामों में लेना पड़़ रहा है। सदर अस्पताल की व्यवस्था दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। बल्कि यूं कहें कि यहां की सारी व्यवस्था भगवान भरोसे है। इसके लिए मुख्य रूप से अधिकारी जिम्मेदार हैं। यहां इलाजरत मरीजों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही है। ऐसा नहीं है कि दवा मद में आवंटन नही है। लेकिन उसके बाद भी दवाइयों का क्रय नहीं हो रहा है। चार महीनों से दवाइयों की कमी का दंश झेलना पड़ रहा है। खास बात यह है कि बच्चों के पीने का सिरप मेट्रोजिल तक गायब है। दवाइयों के अभाव में मरीजों को बाहर से दवा खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। बता दें कि मौजूदा समय में सदर अस्पताल की रोजाना करीब पांच से छह सौ मरीजों की ओपीडी चल रही है। इनमें अधिकतर बुखार से ग्रसित लोगों व बच्चों की संख्या अधिक होते हैं। दवा नही रहने के कारण इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि सदर अस्पताल अधिकारी व प्रबंधन की लापरवाही की वजह से सदर अस्पताल रेफरल अस्पताल बन गया है।

कोट

यहां दवाइयां है। पारासिटामोल के बदले दूसरा एंटीबायोटिक दवाइयों का वितरण किया जा रहा है। इसके अलावा अन्य जीवनरक्षक दवाइयां जन औषधि में उपलब्ध है।

डा. राजीव राजन-उपाध्ीक्षक, सदर अस्पताल चतरा।

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