दसवें तीर्थंकर की जन्मभूमि से जैन साध्वी ने किया प्रस्थान
संवाद सहयोगी इटखोरी (चतरा) जैन साध्वी सौभाग्यमति माताजी गुरुवार को जैन तीर्थंकर भगवान शीतल ना
संवाद सहयोगी, इटखोरी (चतरा): जैन साध्वी सौभाग्यमति माताजी गुरुवार को जैन तीर्थंकर भगवान शीतल नाथ स्वामी की जन्मभूमि भदलपुर क्षेत्र से प्रस्थान कर गई। जैन साध्वी यहां से तीर्थंकरों की मोक्ष भूमि पारसनाथ के लिए रवाना हुई है। जैन धर्मावलंबियों ने गगनभेदी जयकारे के साथ जैन साध्वी का यहां से विहार कराया। जैन धर्म के दसवें तीर्थंकर भगवान शीतल नाथ स्वामी की जन्मभूमि से प्रस्थान करने से पूर्व धर्म सभा को संबोधित करते हुए जैन साध्वी ने लोगों को धर्म के मार्ग पर चलते रहने की सलाह दी। जैन साध्वी ने कहा कि धर्म का मार्ग ही इंसान को मौक्ष के धाम तक पहुंचाता है। ऐसे में किसी भी परिस्थिति में धर्म के मार्ग से विचलित नहीं होना चाहिए। जैन साध्वी ने कहा कि जैन धर्म में अहिसा परमो धर्म: तथा जियो और जीने दो का सिद्धांत सर्वोपरि है। इसे लोगों को आत्मसात कर लेना चाहिए। धर्म सभा के पश्चात जैन साध्वी ने अपनी देखरेख में तीर्थंकर की जन्मभूमि पर कुबेर द्वार का अनुष्ठान कराया। उन्होंने बताया कि धार्मिक स्थल का मुख्य द्वार उत्तर दिशा की ओर रहना चाहिए। इससे स्थल का वास्तु दोष समाप्त हो जाता है। कुबेर द्वार का अनुष्ठान कराने के पश्चात जैन साध्वी ने अपने संघ के साथ दसवें तीर्थंकर के अस्थाई मंदिर में तीर्थंकर की मूर्ति का दर्शन किया। इसके बाद पूरे संघ के साथ पारसनाथ के लिए रवाना हो गई। जैन समाज के नरेंद्र झांझरी ने बताया कि पारसनाथ जाने के मार्ग में जगह जगह जैन साध्वी रात्रि विश्राम के लिए रुकेगी। दोपहर से पहले आहार ग्रहण करने के लिए भी जैन साध्वी चिन्हित स्थलों पर रुकेगी। इसकी सारी व्यवस्था कर ली गई है।
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तीर्थंकर की जन्मभूमि पर किया गया ध्वजारोहण : कुबेर द्वार का अनुष्ठान करने से पहले तीर्थंकर की जन्मभूमि पर ध्वजारोहण किया गया। जैन साध्वी सौभाग्यमति माताजी के संघ के पंकज भैयाजी ने पूरे विधि विधान के साथ ध्वजारोहण का अनुष्ठान कराया। उन्होंने बताया कि जैन धर्म में किसी भी तरह के अनुष्ठान से पूर्व ध्वजारोहण का विधान है। ध्वजारोहण कार्यक्रम में नरेंद्र झांझरी, शीतलनाथ तीर्थ क्षेत्र कमेटी के क्षेत्र मंत्री सुनील जैन, ताराचंद जैन, जौनी जैन, विनोद जैन तथा हजारीबाग, कोडरमा, चतरा व चौपारण के भी धर्मावलंबी मौजूद थे।