आंदोलनकारियों व प्रबंधन के जीच में फंसा प्लांट का निर्माण

संवाद सूत्र टंडवा (चतरा) मुआवजा वृद्धि यूनिटी की राशि बढ़ाने एवं दूसरी अन्य मांगों को लेक

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 07:17 PM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 07:17 PM (IST)
आंदोलनकारियों व प्रबंधन के जीच में फंसा प्लांट का निर्माण
आंदोलनकारियों व प्रबंधन के जीच में फंसा प्लांट का निर्माण

संवाद सूत्र, टंडवा (चतरा) : मुआवजा वृद्धि, यूनिटी की राशि बढ़ाने एवं दूसरी अन्य मांगों को लेकर लंबे समय से चल रहा रैयतों के आंदोलन का अब तक कोई फलाफल नहीं निकला है। आंदोलनकारी अपनी मांगों पर अडिग है। एनटीपीसी प्रबंधन उनकी मांगों को अनुचित बता रहा है। दोनों के जीच में प्लांट का निर्माण कार्य 17 दिनों से ठप है। एनटीपीसी की उत्तरी कर्णपुरा मेगा विद्युत ताप परियोजना के नवपदस्थापित समूह महाप्रबंधक तजेंद्र गुप्ता ने स्पष्ट कर दिया है कि मुआवजा वृद्धि किसी भी परिस्थिति में संभव नहीं है। साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा है कि यदि रैयत इसी तरह से आंदोलन पर अडिग रहे, तो परियोजना की पहली यूनिट से बिजली का उत्पादन मार्च 2022 में संभव नहीं है। यहां पर उल्लेखनीय है कि उत्तरी कर्णपुरा मेगा विद्युत ताप परियोजना के अंतर्गत यहां पर तीन यूनिट स्थापित किए जा रहे हैं। प्रत्येक यूनिट से बिजली का उत्पादन 660-660 मेगा वाट होनी है। एनटीपीसी प्रबंधन को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है। सिमरिया के अनुमंडल पदाधिकारी सुधीर कुमार दास कहते हैं कि प्रशासन हर संभव सहयोग के लिए तत्पर है। निदान एनटीपीसी को निकालना है। प्रशासन साथ खड़ा है। जानकर आश्चर्य होगा कि जिस वक्त परियोजना का शिलान्यास हुआ था, उस वक्त उसकी लागत आठ हजार करोड़ रुपये के करीब थी। 6 मार्च 1999 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने इस परियोजना का शिलान्यास किया था। शिलान्यास के बाद कोल एवं ऊर्जा मंत्रालय के विवाद के कारण 2013-14 वर्षों तक काम बंद रहा। 2014 में जब काम शुरू हुआ, तो उसकी लागत का आकलन 14 हजार करोड़ के आसपास हो गया और वर्तमान समय इसका आकलन करीब 23 हजार करोड़ रुपये हो गया है। आंदोलनकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बार लड़ाई आरपार की होगी। यदि अतिरिक्त मुआवजे का भुगतान नहीं होगा, तो परियोजना का काम इसी तरह ठप रहेगा।

आंदोलनकारियों की मांगें :

बड़कागांव के पकरी-बरवाडीह कोल माइंस के तर्ज प्रति एकड़ पांच लाख रुपये मुआवजा वृद्धि, यूनिटी (जमीन के बदले रैयतों को मिलने वाला भत्ता) की राशि तीन हजार प्रति माह से बढ़ाकर दस रुपये तथा विस्थापित-प्रभावित गांवों का समुचित विकास एवं अधिग्रहित क्षेत्र के गैरमजरूआ भूमि का रैयती समतुल्य मुआवजा समेत संरचनाओं का भौतिक संरचनाओं का मुआवजा।

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