एनटीपीसी ने समय पर विद्युत उत्पादन शुरू होने से किया हाथ खड़ा

संवाद सूत्र टंडवा (चतरा) एनटीपीसी की नॉर्थ कर्णपुरा ताप विद्युत परियोजना निर्माण पर संकट

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 06:37 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 06:37 PM (IST)
एनटीपीसी ने समय पर विद्युत उत्पादन शुरू होने से किया हाथ खड़ा
एनटीपीसी ने समय पर विद्युत उत्पादन शुरू होने से किया हाथ खड़ा

संवाद सूत्र, टंडवा (चतरा) : एनटीपीसी की नॉर्थ कर्णपुरा ताप विद्युत परियोजना निर्माण पर संकट छाया है। परिस्थिति को देखते हुए समय पर बिजली उत्पादन की संभावनाएं क्षीण्ण होते जा रही है। भू-रैयतों व ग्रामीणों अपनी मांगों पर अडिग हैं। वे लगातार आंदोलन को धारदार बनाने में जुटे हुए हैं। तीन सौ से अधिक दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं पिछले 14 नवंबर से आमरण अनशन और फिर 15 नवंबर से प्लांट का निर्माण कार्य पूरी तरह से ठप करवा दिया है। स्थिति यह है कि काम ठप रहने की वजह से एनटीपीसी प्रबंधन को प्रतिदिन पौने दो करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। आंदोलनकारियों की रवैये को देखते हुए एनटीपीसी प्रबंधन ने हाथ खड़ा कर दिया है। एनटीपीसी के एक अधिकारी ने कहा कि समय पर बिजली उत्पादन की संभावनाएं पूरी तरह से क्षीण्ण होते दिख रही है। मार्च 2022 तक बिजली उत्पादन का लक्ष्य है। किसी भी परिस्थिति में एक प्लांट को शुरू करना है। परंतु अब संभव नहीं है। एनटीपीसी प्रबंधन ने जिला प्रशासन व सरकार से आंदोलन समाप्त कराने की अपील की है।

प्रबंधन ने बयान जारी कर कहा कि प्लांट का निर्माण कार्य ठप होने से प्रतिदिन पौने दो करोड़ का राजस्व नुकसान उठाना पड़ रहा है। कार्य बंद होने से वित्तीय वर्ष 2021-22 में पहली यूनिट से विद्युत उत्पादन का लक्ष्य पूरा होने नहीं दिख रहा है। कहा कि परियोजना शुरू होने से चतरा को औद्योगिक मानचित्र पर पहचान मिली। औद्योगिक अर्थव्यवस्था में सुधार व जिला प्रशासन को राजस्व मिला। परियोजना खुलने से युवाओं के लिए रोजगार और व्यापार का अवसर पैदा हो सकता है। इसके अलावा झारखंड को जल्द सस्ती और स्वच्छ बिजली मिलती।

प्रबंधन ने कहा है कि एनटीपीसी परियोजना निर्माण के लिए जापान सरकार से ऋण ली गई है। जिसका 1.75 करोड़ रुपए प्रति दिन का ब्याज देना पड़ रहा है। जिससे देश का राजस्व नुकसान व वित्तीय बोझ उठाना पड़ रहा है। बताया गया कि स्थानीय लोगों सहित 3000 से अधिक मजदूरों ने आंदोलन के कारण परियोजना स्थल को छोड़ दिया। वे अब रोजगार छूट जाने से वित्तीय कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं और अपने नियोक्ताओं एवं ठेकेदारों एजेंसियों के साथ लगातार संपर्क में हैं और काम पर लौटने के बारे में पूछताछ कर रहे हैं। देशहित को देखते हुए प्लांट का निर्माण कार्य प्रारंभ करने दें।

chat bot
आपका साथी