कोरोना का दूसरा डोज लेने से कतरा रहे लोग
अमन राणा चतरा वैश्विक महामारी कोरोना का खतरा एक बार फिर से बढ़ने लगा है। कुछ रा
अमन राणा, चतरा : वैश्विक महामारी कोरोना का खतरा एक बार फिर से बढ़ने लगा है। कुछ राज्यों में छिटपुट मामले आने शुरू हो गए हैं। संभावनाओं को देखते हुए टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है। इसके बावजूद जिले में टीका लगवाने को लेकर अब पहले जैसी उत्सुकता नहीं दिख रही है। पहले जिन केंद्रों पर शांतिपूर्वक टीकाकरण कराने के लिए पुलिस फोर्स तैनात करनी पड़ती थी, अब वहां सन्नाटा छाया रहता है। आलम यह है कि टीकाकरण टीमें केंद्रों पर मौजूद रहने के बावजूद लोग नहीं पहुंच रहे हैं। इससे जिले में टीकाकरण की स्थिति फिर सुस्त पड़ गई है। जिले की आबादी करीब 12 लाख की है। इनमें करीब नौ लाख लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य है, जिसके सापेक्ष अभी तक 4,70,111 लोगों ने पहला टीका लगवाया है, जो लक्ष्य का 61.65 प्रतिशत है। जबकि 1,63,738 लोग ही दूसरा टीका लगवाने के लिए टीकाकरण केंद्रों पर पहुंचे हैं, जो लक्ष्य का 21.47 प्रतिशत है। इस साल 16 जनवरी को जब कोविड टीकाकरण की शुरुआत हुई थी, तब लोग टीका लगवाने से घबराते थे। धीरे-धीरे जागरूकता बढ़ी और टीकाकरण केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई, तो इसमें तेजी आई। तीन महीने पहले तो स्थिति यह थी कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए टीकाकरण केंद्रों पर पुलिस फोर्स तक तैनात करनी पड़ती थी। उस समय कोरोना महामारी का भय लोगों में बना हुआ था। अब जन जीवन सामान्य हो गया है। जिसके कारण टीकाकरण के प्रति लोग रूचि नही दिखा रहे है। जिला प्रशासन ने टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं भी चला रखी है। वरीय अधिकारी से लेकर कर्मी तक कोरोनारोधी टीका का दूसरा डोज लगाने को लेकर जागरूकता फैला रही है। इसके बावजूद कोविड टीकाकरण को लेकर जागरुकता नहीं दिख रही है। इधर, 26 नवंबर तक जिलेभर में 4,94,420 लोगों का जांच सैंपल लिया गया है। जिला महामारी विशेषज्ञ पदाधिकारी डा. आशुतोष ने दावा किया है कि वर्तमान में एक भी कोरोना के एक भी मामले सक्रिय नही है। कोविड टीकाकरण के प्रति लगातार जागरूकता फैलाई जा रही है। जबकि जांच में भी तेजी आई है।
:::::::::::::::::::::::::::::::
कोट
कोरोना खत्म नहीं हुआ है। उसके प्रति सतर्कता अनिवार्य है। टीका निश्चित रूप से लें। पहला डोज की तरह ही दूसरे में भी गंभीरता दिखाने की जरूरत है। दूसरे डोज को लेकर लोग बहुत गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। जागरूकता के लिए विभिन्न माध्यमों से अभियान चलाया जा रहा है।
डा. श्याम नंदन सिंह, सिविल सर्जन, चतरा।