दो दशक के बाद बूझी बक्सा जलाशय की प्यास
संवाद सहयोगी इटखोरी(चतरा) जिले का सबसे बड़ा जलाशय रहने के बावजूद बक्सा डैम के कंठ दो
संवाद सहयोगी, इटखोरी(चतरा): जिले का सबसे बड़ा जलाशय रहने के बावजूद बक्सा डैम के कंठ दो वर्ष पहले तक सूखे हुए थे। लेकिन जीर्णोद्धार के बाद बक्सा जलाशय की दशा पूरी तरह सुधर गई है। सिचाई के लिए पानी छोड़ने के बावजूद पूरा जलाशय अभी भी लबालब भरा हुआ है। क्षेत्र में सिचांई सुविधा के लिए 1978 में बक्सा नदी को बांधकर बनाए गए बक्सा जलाशय की सूरत कच्ची नहर की वजह से काफी बिगड़ गई थी। जलाशय के मेन फाटक तथा नहर में लीकेज रहने की वजह से बरसात का पानी पर्याप्त मात्रा में संग्रहित नहीं हो पा रहा था। सिर्फ जलाशय के मध्य भाग में ही पानी का जमाव रहता था। बरसात के मौसम में भारी बारिश होने के बाद भी जलाशय के अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच पाता था। इसी बीच वर्ष 2017 में बक्सा जलाशय तथा सिचाई के लिए बनाई गई बक्सा नहर के जीर्णोद्धार की योजना सरकार के द्वारा बनाई गई। इसके तहत नहर का पक्कीकरण किया गया। नहर के पुल-पुलिया का नए सिरे से निर्माण हुआ। साथ ही जलाशय में नया मेन फाटक भी लगाया गया। इससे बक्सा जलाशय तथा नहर के सभी लीकेज बंद हो गए। बरसात का पानी पर्याप्त मात्रा में संग्रहित होने लगा। इस वर्ष बक्सा जलाशय पानी से पूरी तरह लबालब भर गया है। जलाशय के स्पिलवे तक पानी का जमाव है।
:::::::::::::::::
सिचाई के अलावा पेयजल आपूर्ति के लिए भी मिलेगा पानी
बक्सा जलाशय में पानी के पर्याप्त संग्रह को देखते हुए जल पथ प्रमंडल ने बक्सा जलाशय से सिचाई के अलावा पेयजल आपूर्ति के लिए भी पानी देने का निर्णय लिया है। बरही जल पथ प्रमंडल के सहायक अभियंता पप्पू यादव ने बताया कि चतरा जिला के पेयजल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग के द्वारा चतरा शहरी पेयजल आपूर्ति योजना तथा इटखोरी की वृहद पेयजल आपूर्ति योजना के लिए बक्सा जलाशय से पानी देने का आग्रह किया गया है। विभाग ने इटखोरी या चतरा में से किसी एक पेयजल आपूर्ति योजना के लिए पानी देने की सहमति दे दी है। अब निर्णय पेयजल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग को लेना है कि वह बक्सा जलाशय से किस पेयजल आपूर्ति योजना के लिए पानी का उठाव करता है।