दसवें तीर्थंकर की जन्मभूमि पर पहुंचीं जैन साध्वी

संवाद सहयोगी इटखोरी (चतरा) जैन साध्वी सौभाग्यमति माताजी का सोमवार को इटखोरी में मंगल प्रवेश्

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 06:28 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 06:28 PM (IST)
दसवें तीर्थंकर की जन्मभूमि पर पहुंचीं जैन साध्वी
दसवें तीर्थंकर की जन्मभूमि पर पहुंचीं जैन साध्वी

संवाद सहयोगी, इटखोरी (चतरा) : जैन साध्वी सौभाग्यमति माताजी का सोमवार को इटखोरी में मंगल प्रवेश हुआ। प्रखंड में मंगल प्रवेश के पश्चात जैन साध्वी जैन धर्म के दसवें तीर्थंकर भगवान शीतल नाथ स्वामी की जन्मभूमि पर पहुंची। इटखोरी आगमन पर जैन समुदाय के लोगों ने परंपरागत तरीके से जैन साध्वी का स्वागत किया। शीतलनाथ तीर्थ क्षेत्र कमेटी के महामंत्री सुरेश झांझरी ने बताया कि जैन साध्वी सौभाग्यमति माताजी चतुर्मास में चार माह तक झुमरीतिलैया के प्रवास पर थी। चतुर्मास के पश्चात उन्हें जैन तीर्थ स्थल पारसनाथ के लिए प्रस्थान करना था। लेकिन जैन समुदाय के विशेष आग्रह पर जैन साध्वी दसवें तीर्थंकर भगवान शीतल नाथ स्वामी की जन्म भूमि के लिए 26 नवंबर को झुमरीतिलैया से प्रस्थान की। पैदल मार्ग से 58 किलोमीटर का सफर तय कर जैन साध्वी का सोमवार की दोपहर करीब तीन बजे इटखोरी प्रखंड में मंगल प्रवेश हुआ। प्रखंड के प्रवेश द्वार पर जैन समुदाय के लोगों ने गगनभेदी जयकारे के साथ जैन साध्वी का परंपरागत तरीके से स्वागत किया। इसके बाद उन्हें मां भद्रकाली मंदिर परिसर में अवस्थित दसवें तीर्थंकर भगवान शीतल नाथ स्वामी की जन्मभूमि भदलपुर क्षेत्र ले जाया गया। तीर्थंकर की जन्मभूमि पर जैन समुदाय की महिलाओं ने जैन साध्वी की आरती उतारी तथा मंगल गीत गाकर उनका स्वागत किया। तीर्थ क्षेत्र कमेटी के महामंत्री ने बताया कि जैन साध्वी दो दिसंबर तक तीर्थंकर की जन्मभूमि में रहेगी। इस दौरान उनका धार्मिक प्रवचन भी होगा। दो दिसंबर की शाम या तीन दिसंबर की सुबह जैन साध्वी पारसनाथ के लिए इटखोरी से प्रस्थान कर जाएंगी। बताया जा रहा है कि जैन तीर्थंकर की जन्मभूमि पर जैन साध्वी का दर्शन करने के लिए झुमरी तिलैया, हजारीबाग, चतरा, चौपारण आदि शहरों से जैन धर्मावलंबी भी पहुंचेंगे।

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