हजारीबाग ने किया इंकार, बरही जल पथ ने बढ़ाया हाथ
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जुलकर नैन, चतरा : हजारीबाग जल पथ प्रमंडल के इंकार के बाद बरही जल पथ प्रमंडल ने जलापूर्ति के लिए हाथ बढ़ाया है। चतरा शहरी एवं निकटवर्ती गांवों में जलापूर्ति इटखोरी के बक्सा डैम से होगी। दरअसल शहरी जलापूर्ति फेज-टू की परियोजना के तहत पहले डहुरी डैम से जलापूर्ति होनी थी। उसके आधार पर परियोजना का प्राक्कलन तैयार किया गया था। लेकिन अंतिम समय में हजारीबाग जल पथ प्रमंडल ने डहुरी डैम से जुटको को पानी देने से इंकार कर दिया। जल पथ के अधिकारियों ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि प्रमंडल के अंतर्गत आने वाला डहुरी डैम में उतना पानी नहीं है, जिससे चतरा शहर एवं आसपास के गांवों में आपूर्ति की जाए। हजारीबाग जल पथ प्रमंडल का इंकार के बाद जुडको के अधिकारी शहरी विकास विभाग को इसकी जानकारी दी। शहरी विकास सचिव ने मुख्य सचिव को पूरी स्थिति से अवगत कराया। जिसके बाद उच्च स्तरीय बैठक में बरही जल पथ प्रमंडल के अंतर्गत आने वाला इटखोरी प्रखंड के बक्सा डैम से जलापूर्ति पर सहमति बनी। बक्सा जलाशय प्रतिदिन 2.3 एमसीएम पानी छोड़ेगा। करीब दस दिन पूर्व जुटको को एनओसी दे दिया गया है। बताते चलें कि चतरा शहरी जलापूर्ति फेज-टू की परियोजना का क्रियान्वयन 75 प्रतिशत से अधिक हो चुका है। शहरी जलापूर्ति फेज-टू से बारह हजार घरों में वाटर सप्लाई होगा। जलापूर्ति के लिए उपभोक्ताओं को कनेक्शन मुफ्त में दिया जा रहा है। कनेक्शन लेने के लिए सिर्फ आवेदन करना है। आवेदन शुल्क के रूप में दस रुपये की राशि ली जाती है। अब तक करीब छह हजार उपभोक्ताओं को कनेक्शन दे दिया गया है। जैसे ही परियोजना का शुभारंभ होगा, उपभोक्ताओं को पानी मिलना शुरू हो जाएगा। शहरी जलापूर्ति फेज-टू की योजना करीब 54 करोड़ रुपये की है। योजना का क्रियान्वयन गुजरात की बेल्ली रतना सोरठिया इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कर रहा है।
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दो लाख आबादी मानक पर तैयार की गई है योजना
शहर एवं आसपास के गांवों को मिलाकर करीब दो लाख आबादी को मानक मानकर योजना तैयार की गई है। शहर में फिलहाल 22 वार्ड हैं। उसके अलावा निकटवर्ती गांवों में जयपुर, कठौतिया, पाराडीह, देवरिया, तपेज, वभने, पाराडीह, जीतनी मोड़ एवं एक अन्य गांव शामिल है। एनएच एवं आरसीडी की सड़कों को छोड़कर दूसरी अन्य सड़कों के भीतर पाइप लाइन बिछाने का काम पूरा कर लिया है। पाइप लाइन बिछाने के बाद भी कनेक्शन दिया जा रहा है। बेल्ली रतना सोरठिया इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि परियोजना का 75 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। एनएच एवं आरसीडी से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलते ही पाइप लाइन का बचा हुआ कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
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कोट
दस से पंद्रह दिन पूर्व जुटको को एनओसी दिया गया है। बक्सा जलाशय से प्रतिदिन 2.3 एमसीएम पानी शहरी जलापूर्ति फेज टू परियोजना के लिए छोड़ा जाएगा।
पप्पू यादव, सहायक अभियंता, जल पथ प्रमंडल, बरही।