गर्भवती की मौत, जिदा करने के नाम पर होते रहा प्रार्थना का खेल

संवाद सूत्र प्रतापपुर (चतरा) थाना क्षेत्र के हरहर सिजुआ गांव निवासी अमरजीत पासवान की पत्नी बबीता देवी की कैत हो गइ।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 06:52 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 06:52 PM (IST)
गर्भवती की मौत, जिदा करने के नाम पर होते रहा प्रार्थना का खेल
गर्भवती की मौत, जिदा करने के नाम पर होते रहा प्रार्थना का खेल

संवाद सूत्र, प्रतापपुर (चतरा) : थाना क्षेत्र के हरहर सिजुआ गांव निवासी अमरजीत पासवान की पत्नी बबिता देवी (23) की मौत मंगलवार को हो गई। वह आठ माह की गर्भवती थी। वर्तमान समय में वह मायका प्रतापपुर थाना क्षेत्र के मझगांवा गांव निवासी अपने पिता गणेश पासवान के घर में रह रही थी। मृतका के पिता गणेश पासवान ने बताया कि बबीता को मंगलवार की सुबह अचानक पेट में दर्द होने लगा। उसे तत्काल गांव के ग्रामीण चिकित्सक के पास ले गया। लेकिन उसने इलाज करने में असमर्थता बताते हुए बाहर ले जाने की सलाह दी। बाद में उसे बिहार के गया जिले के रानीगंज में एक डाक्टर से दिखाया गया। डाक्टर ने उसे खून की कमी बताया तथा बेहतर इलाज के लिए मगध मेडिकल गया रेफर कर दिया। लेकिन गया ले जाने के क्रम में बांकेबाजार के पास उसकी मौत हो गई।

मायके वाले उसका अंतिम संस्कार करने की तैयारी कर रहे थे। इसी बीच कुछ लोग उसके घर पर पहुंचे और मृत बबिता देवी को जिदा करने का दावा करने लगे। मृतका को जिदा करने का हाइ बोल्टेज ड्रामा चलता रहा। गणेश पासवान के घर में ही करीब आठ घंटों तक परम पिता परमेश्वर के अनुयायियों ने विभिन्न तरीकों से मंत्रोच्चार करते रहे। इस दौरान गणेश पासवान के घर के बाहर सैकड़ों लोग तमाशबीन बने देखते रहे। लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला। बाद में ग्रामीणों तथा परिजनों के दबाव में रात के ग्यारह बजे मृतका का दाह संस्कार कर दिया गया।

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मतांतरण का चल रहा खेल, हर सप्ताह होता है धार्मिक आयोजन

प्रखंड के नदई तथा मझगांवां गांव के ग्रामीणों ने बताया कि प्रत्येक रविवार को सुरेश दास के घर पर धार्मिक आयोजन होता है। जिसमें प्रार्थना सभा होती है। प्रार्थना सभा के माध्यम से मतांतरण के प्रेरित किया जाता है। एक धर्म विशेष के लोग ग्रामीणों को प्रेरित करते हैं। सभा में नंदई एवं आस पास के सैकड़ों लोग शामिल होते हैं। ग्रामीण में उत्तम कुमार, अमरदीप कुमार एवं कांती प्रसाद का आरोप है कि इसके बहाने भोले-भाले ग्रामीणों का मतांतरण कराया जा है। सिदकी पंचायत की मुखिया सरिता देवी का कहना है कि मंगलवार को प्रार्थना के जरिए मृतका को जीवित करने का खेल चला है। बिहार से कुछ लोग आए थे। जब मुझे जानकारी हुई, तो वहां से उन्हें भगाया गया। प्रार्थना सभा की जानकारी उन्हें नहीं है। प्रखंड विकास पदाधिकारी मुरली यादव ने कहा, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।

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