जाम नदी की धार से बुझ रही ललकी माटी की प्यास

संवाद सूत्र कुंदा (चतरा) कुंदा का ललकी माटी गांव में वैसे तो सालों भर पानी का संकट रह

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 06:37 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 06:37 PM (IST)
जाम नदी की धार से बुझ रही ललकी माटी की प्यास
जाम नदी की धार से बुझ रही ललकी माटी की प्यास

संवाद सूत्र, कुंदा (चतरा) : कुंदा का ललकी माटी गांव में वैसे तो सालों भर पानी का संकट रहता है, लेकिन गर्मी में स्थिति भयावह हो जाती है। गांव के लोग नदी का पानी से प्यास बुझाते हैं। गांव के निकट ही जाम नदी है। जाम नदी की धार ही ललकी माटी के ग्रामीणों की जान है। बारहों महीना वे उसी बहती हुई धार का पानी पीते हैं। सुनने के बाद कोई सहजता के साथ विश्वास नहीं करेगा। लेकिन यह कटु सत्य है। नदी तक पहुंचने के लिए उन्हें एक किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। गांव की आबादी करीब पांच सौ की होगी। पूरी आबादी पेयजल संकट से दो चार हो रही है। गांव में दो हैंडपंप हैं, लेकिन दोनों खराब हैं। खराब हैंडपंपों की कई बार मरम्मत कराई गई। परंतु पानी का स्तर काफी नीचे होने के कारण वह कारगर नहीं है। गांव में मुख्य रूप से अनुसूचित जाति के लोग निवास करते हैं। ललकी माटी गांव प्रखंड के नवादा पंचायत के अंतर्गत है। ग्रामीण अनुज भारती कहते हैं कि सुबह होते ही गांव वालों को पानी की चिता सताने लगती है। महिलाएं और बच्चे नदी से पानी लेने के लिए निकल पड़ते हैं। महेंद्र भारती व अजय भारती कहते हैं हालात को देखते हुए गांव के लोगों ने मुखिया से शिकायत की। मुखिया ने दो हैंडपंप लगवाया, लेकिन बोरिग कारगर नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक डीप बोरिग नहीं होगी, समस्या का समाधान नहीं होगा। समस्या का स्थायी समाधान डीप बोरिग ही है। चूंकि पानी का स्तर काफी नीचे है। क्या कहते हैं मुखिया

पेयजल का संकट है। दो-दो हैंडपंप लगवाए गए हैं। लेकिन कारगर नहीं है। पानी का स्थायी समाधान के लिए डिप बोरिग ही एक मात्र विकल्प है।

बिगन गंझू, मुखिया, नवादा पंचायत। अधिकारी वर्जन

मामले की जानकारी है। यह सच है कि गांव के लोग नदी का पानी पी रहे हैं। जल स्तर काफी नीचे है। बहुत जल्द पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल की ओर से एक टीम वहां भेजी जाएगी। हर संभव प्रयास किया जा रहा है गांव वालों को शुद्ध पानी मिले। जल्द ही वहां डिप बोरिग होगी।

राजमोहन सिंह, कार्यपालक अभियंता, पेजयल एवं स्वच्छता प्रमंडल, चतरा।

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