भद्रकाली मंदिर में विधि-विधान पूर्वक दी गई संधि बलि

संवाद सहयोगी इटखोरी (चतरा) ऐतिहासिक मां भद्रकाली मंदिर में मंगलवार को नवरात्र की संधि

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 06:28 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 06:28 PM (IST)
भद्रकाली मंदिर में विधि-विधान पूर्वक दी गई संधि बलि
भद्रकाली मंदिर में विधि-विधान पूर्वक दी गई संधि बलि

संवाद सहयोगी, इटखोरी (चतरा) : ऐतिहासिक मां भद्रकाली मंदिर में मंगलवार को नवरात्र की संधि बलि का अनुष्ठान पूरे विधि विधान पूर्वक किया गया। इस पावन अवसर पर माता के दरबार में मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्यों के साथ श्रद्धालु भक्तों ने भी फलों की बलि अर्पित की। नवरात्र की संधि बलि के अनुष्ठान के वक्त माता रानी का दरबार मां भद्रकाली के जयकारे से गुंजायमान होता रहा। परंपरा के अनुसार नवरात्र की संधि बलि का अनुष्ठान मां भद्रकाली मंदिर के साधना चबूतरा पर हुआ। संधि बलि से पूर्व मां भद्रकाली की प्रतिमा का भव्य श्रृंगार किया गया। तत्पश्चात साधना चबूतरा पर मंदिर के पुजारियों के मंत्रोच्चारण के बीच संधि बलि का अलौकिक अनुष्ठान प्रारंभ हुआ। करीब एक घंटे तक चले संधि बलि के इस अनुष्ठान में मंदिर प्रबंधन समिति की ओर से पहली संधि बलि दी गई। तत्पश्चात श्रद्धालु भक्तों ने संधि बलि दी। मंत्रोच्चारण व शंख ध्वनि के बीच नियत समय पर संध्या सात बजकर सात मिनट के पश्चात सर्वप्रथम माता को कुष्मांड की बलि अर्पित की गई। इसके बाद भक्तों ने फलों की भी बलि चढ़ाई। संधि बलि के पश्चात घी के दिए व कपूर से माता की महाआरती उतारी गई। संधि बलि का अलौकिक अनुष्ठान कई श्रद्धालु भक्तों ने अपने घरों में ही किया तथा संधि बलि माता को अर्पित की। इधर नवरात्र की महा अष्टमी के दिन मंदिर में पूजा अर्चना के लिए स्थानीय भक्तों के अलावा दूरदराज के श्रद्धालु भी मंदिर परिसर में पहुंचे। मंदिर के पुजारियों ने बताया कि बुधवार को मंदिर परिसर में अवस्थित यज्ञशाला में हवन पूजन के पश्चात मंदिर परिसर में नवरात्र के अनुष्ठान का विसर्जन किया जाएगा। नवरात्र के अनुष्ठान का विसर्जन करने से पूर्व मंदिर परिसर में स्थापित नवरात्र के कलश को पवित्र महाने नदी में विसर्जित किया जाएगा।

chat bot
आपका साथी