जल, जंगल व जमीन के संरक्षण की परिकल्पना आदिवासियों की संस्कृति : श्रम मंत्री

संवाद सहयोगी चतरा अखिल भारतीय विकास समिति द्वारा सदर प्रखंड के ग्राम डाढा में रविवार को

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 Aug 2020 07:01 PM (IST) Updated:Sun, 09 Aug 2020 07:01 PM (IST)
जल, जंगल व जमीन के संरक्षण की परिकल्पना आदिवासियों की संस्कृति : श्रम मंत्री
जल, जंगल व जमीन के संरक्षण की परिकल्पना आदिवासियों की संस्कृति : श्रम मंत्री

संवाद सहयोगी, चतरा : अखिल भारतीय विकास समिति द्वारा सदर प्रखंड के ग्राम डाढा में रविवार को विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि राज्य के श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण मंत्री सत्यानंद भोक्ता मौजूद थे। कार्यक्रम की शुरुआत मंत्री ने विधिवत दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रम मंत्री ने कहा कि जल, जंगल और जमीन की रक्षा करना हमसबों का कर्तव्य है। कई सदियों तक बुनियादी सुविधाओं के घोर अभाव के बावजूद प्रकृति की इबादत करना और उसके संरक्षण के विभिन्न आयामों को गढ़ने में आदिवासी समुदाय की भूमिका विश्व में अनुकरणीय रही है। भौतिकतावादी युग में संस्कृति और अनूठी परंपराओं के साथ सामंजस्य बैठा पाना आज भी एक चुनौती है। प्रदेश के आदिवासी समुदाय के संघर्ष की स्वर्णिम गाथाएं स्वतंत्रता आंदोलन की गवाह रही है। जल, जंगल और जमीन संरक्षण की परिकल्पना आदिवासी समाज की जड़ों में है। हम सौभाग्यशाली हैं कि झारखंड 29.2 फीसदी वन क्षेत्र से आच्छादित है। साथ ही खनिज संपदा के मामले में हम पूरे विश्व में अग्रिम स्थान रखते हैं। जल-जंगल और जमीन से आदिवासियों का अस्तित्व जुड़ा है। इन संसाधनों के संरक्षण को लेकर आदिवासी लंबे समय से संघर्ष करते आ रहे हैं। वर्तमान सरकार जन आकांक्षाओं पर आधारित विकास के लिए प्रतिबद्ध है। वहीं कार्यक्रम में श्रम मंत्री का डोल-नगाड़े के साथ परम्परागत स्वागत किया गया।

कार्यक्रम को आदिवासी परिषद जिला अध्यक्ष निर्मल केरकेटा, मुखिया सरिता देवी, पुलिस एसोसिएशन मंत्री साहेब मुर्मू, बिरसा कॉलेज के प्राचार्य अजित दास ने भी संबोधित किया। मौके पर राजद जिला अध्यक्ष नवल किशोर यादव, सबीना लकड़ा, मांझी उरांव साहब, माइकल मुंडा, संगीता बांडो, अजय यादव, महेश मांडव, मनोहर यादव समेत कई लोग उपस्थित थे।

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