जर्जर सड़क दे रहा दुर्घटना को निमंत्रण
प्रतापपुर से कुंदा तक जाने वाली मुख्य सड़क जर्जर हो चुकी है।12 किलोमीटर प्रतापपुर कुंदा पथ के बीच में कई बड़े बड़े गढ्ढे.हैं जिससे कभी भी बड़ी दूर्घटना घट सकती है।पथ में कालीकरण नाम मात्र का ही बचा है ।पुरी सड़क में अधिकतर जगहों में कंकड़ एवं गिट्टी निकले हुये है।प्रतापपुर से कुंदा होते हुये लावालौंग भाया बगरा का यह एक मात्र सड़क है।इस सड़क से प्रतिदिन सैकड़ो दो पहिया तथा चार पहिया वाहन गुजरती है।हालत यह है कि पैदल चलने वाले राहगीरों सहित अन्य लोगों को हमेशा किसी अनहोनी का डर सताता रहता है।प्रतापपुर कुंदा पथ के बीच में दो तीन जगहों पर इतना बड़ा बड़ा गढ्ढा है कि उसमें चार पहिया वाहनों के फंसने से घंटों आवागमन बाधित रहता है।सड़कों का जाल विछाने का दावा करने वाली सरकार में प्रतापपुर कुंदा पथ की हालत वैसी ही है जैसी पांच साल पहले थी।विदित हो कि प्रतापपुर तथा कुंदा दोनों प्रखंड अतिउग्रवाद प्रभावित हैं।
संवाद सूत्र, प्रतापपुर : प्रतापपुर-कुंदा जर्जर सड़क दुर्घटना के निमंत्रण दे रहा है। प्रतापपुर से कुंदा की दूरी 12 किलोमीटर है। बारह किलोमीटर की दूरी तय करने में एक घंटा से अधिक का समय लगता है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सड़क का हाल कैसा है। सड़क के कई स्थानों पर गड्ढे हो गए हैं। बरसात के दिनों में पैदल भी चलना मुश्किल हो जाता है। जर्जर सड़क के कारण कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी है। हालत यह है कि पैदल चलने वाले राहगीरों का डर सताता रहते है। प्रतापपुर कुंदा पथ के बीच में दो तीन जगहों पर इतना बड़ा बड़ा गड्ढा है कि उसमें चार पहिया वाहनों को जाने में भी परेशानी होती है।