कोरोना से जंग में मिला कई संस्थाओं का संग

जुलकर नैन चतरा वैश्विक महामारी कोरोना से जंग में जिला प्रशासन को कई संस्थाओं का संग मि

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 07:03 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 07:03 PM (IST)
कोरोना से जंग में मिला कई संस्थाओं का संग
कोरोना से जंग में मिला कई संस्थाओं का संग

जुलकर नैन, चतरा : वैश्विक महामारी कोरोना से जंग में जिला प्रशासन को कई संस्थाओं का संग मिला है। सांसद सुनील कुमार सिंह के विशेष प्रयास से सीसीएल ने अपने एसआर फंड से जिला प्रशासन को 95 लाख रुपये देने की घोषणा की। ऐसी उम्मीद है कि शनिवार को सीसीएल उक्त राशि को जिला प्रशासन के बैंक खाता में हस्तांतरित कर देगी। इस आशय की पुष्टि करते हुए उपायुक्त दिव्यांशु झा ने शुक्रवार को बताया कि उसके अलावा एनटीपीसी एक अस्थायी अस्पताल की स्थापना करेगी। अस्थायी अस्पताल टंडवा में होगी। इसके लिए 53 लाख रुपये का प्रस्ताव जिला प्रशासन की ओर से दिया गया है। इसी प्रकार श्याम ट्रांसपोर्ट कंपनी 20 आक्सीजन सिलेंडर और आक्सीमीटर देने वाली है। आरकेटीसी भी 20 आक्सीजन सिलेंडर, आक्सीमीटर और एंबुलेंस उपलब्ध करा रही है। एनटीपीसी से भी बातचीत चल रही है और उसके अधिकारी भी काफी सकारात्मक है। उम्मीद है कि एक से दो दिनों के भीतर एनटीपीसी भी सहयोग के लिए कोई ठोस कदम उठाएगी। कोरोना के विरुद्ध जंग में इन संस्थाओं का साथ मिलना सामाजिक दृष्टिकोण से सकारात्मक है। समाज का संग हो तो कोई भी जंग जीती जा सकती है। इधर सदर अस्पताल में कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए 37 बेड की व्यवस्था की गई है। उपर्युक्त सारे बेड सारी सुविधाओं से लैस है। इसके अलावा आक्सीजन की उपलब्धता, रिफिल, जंबो आक्सीजन सिलेंडर, आक्सीजन पाइप लाइन कार्य का कार्य तेजी से चल रहा है। वहीं व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए जिला प्रशासन ने 23 विभिन्न पदों पर आपात स्थिति में बहाली भी निकाला है। जिसमें पांच मेडिकल आफिसर, दो अनास्थलाजिस्ट, दो फीजिसियन, आठ नर्स और छह लैब टेक्नीशियन शामिल है। इन पदों पर पांच मई तक बहाली होनी है। उपायुक्त ने बताया कि सांसद सुनील कुमार सिंह ने अपने निधि से 30 लाख रुपये की राशि दी है। जिसका उपयोग आक्सीजन पाइप लाइन में किया जा रहा है। इस प्रकार पंद्रह से बीस दिनों के भीतर यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था में अपेक्षाकृत सुधार होने की उम्मीद है। जिससे कोरोना के गंभीर मरीजों को हजारीबाग और रांची के बड़े अस्पतालों में बेड के लिए परेशान नहीं होना होगा।

chat bot
आपका साथी