दस्ता सदस्य में हुआ था शामिल, रीजनल कमांडर तक मिली प्रोन्नति
चतरा सदर थाना क्षेत्र के कोरचा गांव निवासी नकलाली गंझू का पुत्र रमेश गंझू करीब बीस से बाइस वर्षो तक दस्ता में सक्रय रहा।
चतरा : सदर थाना क्षेत्र के कोरचा गांव निवासी नकलाली गंझू का पुत्र रमेश गंझू करीब बीस से बाइस वर्ष की उम्र में भाकपा माओवादी संगठन में शामिल हुआ था। गांव के एक भूखंड को लेकर पड़ोसी के साथ विवाद चल रहा था। हमेशा मारपीट होती थी। जिससे तंग आकर उसने संगठन में जाने का निश्चय किया। संगठन में उसे कुछ दिनों तक मामूली सदस्य के रूप में रहना पड़ा। इस बीच उसे हथियार आदि का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के बाद रमेश गंझू को दस्ता का सदस्य बना दिया गया। अजय गंझू के दस्ता में करीब एक साल तक रहा। बाद में उसे एरिया कमांडर का कमान सौंपा गया। एरिया कमांडर का पद मिलते ही उसका नाम संगठन ने बदल कर आजाद कर दिया। एरिया कमांडर बनने के बाद वह कभी पीछे मुड कर नहीं देखा। उसके नेतृत्व में दर्जनों घटनाएं घटित हुई। 2011 में टंडवा की घटना के बाद उसे सब जोनल कमांडर के रूप में प्रोन्नति मिली। टंडवा में माओवादियों ने उसके नेतृत्व में गश्ती दल पर हमला बोला था। जिसमें तीन जवान बलिदान हो गए थे। माओवादियों ने पुलिस बल का एक इंसास और चार राइफल लूट लिया था। इतना ही नहीं पुलिस जीत सहित सात वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। सब जोनल बनने के बाद वह और उग्र हो गया। उसके नेतृत्व में माओवादी उग्रवादी लगातार पुलिस बल पर हमला करते रहे। जिसमें तीस से अधिक पुलिस कर्मी बलिदान हुए हैं। तत्पश्चात उसे कौलेश्वरी जोन का कमान दिया गया। कौलेश्वरी रीजन कमेटी का सदस्य बनने के बाद उसकी सक्रियता चतरा, गया और औरंगाबाद जिलों में अधिक रही।