कोरोना के खात्मे की कामना कर भगवान भोलेनाथ की आराधना

कोरोना के खात्मे की कामना कर सोमवार को भगवान भोलेनाथ की बेरमो कोयलांचल के सभी शिवालयों में आराधना की गई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 09:07 PM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2020 09:07 PM (IST)
कोरोना के खात्मे की कामना कर भगवान भोलेनाथ की आराधना
कोरोना के खात्मे की कामना कर भगवान भोलेनाथ की आराधना

बेरमो : कोरोना के खात्मे की कामना कर सोमवार को भगवान भोलेनाथ की बेरमो कोयलांचल के सभी शिवालयों में आराधना की गई। सावन की अंतिम सोमवारी एवं श्रावण पूर्णिमा की पूजा करने के दौरान श्रद्धालुओं ने शारीरिक दूरी का पालन किया।

दामोदर नदी से जल उठाव कर भक्तों ने बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। सूबे के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने अपने पैतृक गांव अलारगो स्थित नवनिर्मित तालाब में स्नान कर शिव मंदिर में पूजन व जलाभिषेक किया। उसके बाद उन्होंने अपने घर के सदस्यों के साथ रक्षाबंधन मनाया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि आज के दिन उन्होंने शिवजी की आराधना व रक्षाबंधन के पावन पर्व को मनाने के लिए अपने व्यस्ततम कार्यक्रम के बीच समय निकाला। इससे मन-मस्तिष्क को काफी शांति मिली।

वहीं फुसरो व करगली क्षेत्र शिवालयों में श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना कर सुख-शांति व समृद्धि की कामना की। कोरोना के कारण शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ नहीं रही। काफी कम लोगों ने शिव मंदिरों जलाभिषेक किया। ज्यादातर लोगों ने अपने-अपने घर में ही सावन की अंतिम सोमवारी की पूजा की। पिछरी स्थित नर्मदेश्वर रुद्र मंदिर में पूजा के क्रम में श्रद्धालुओं ने शारीरिक दूरी का विशेष ख्याल रखा। दामोदर नदी से जल ले जाते श्रद्धालुओं ने मास्क पहने रहने के साथ ही एक-दूसरे से दूरी भी बनाए रखी। अंगवाली स्थित मंदिरों में भी भगवान शिव की आराधना भक्तों ने एक-दूसरे से शारीरिक दूरी बनाकर की।

आंबेडकर कॉलोनी, करगली बाजार, मकोली, भोलानगर, सेंट्रल कॉलोनी, भंडारीदह, पिछरी, खेतको, जारंगडीह, कथारा, बोकारो थर्मल, स्वांग, गोमिया, साड़म, तेनुघाट, नावाडीह, सुरही, ऊपरघाट आदि स्थित शिव मंदिरों में भी सावन की अंतिम सोमवारी की पूजा कर जलाभिषेक किया गया, लेकिन शिवभक्तों की उपस्थिति कम रही। कथारा विद्युत सबस्टेशन परिसर स्थित शिव मंदिर में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए श्रद्धालुओं ने पूजा की। वहीं जरीडीह बाजार स्थित महादेव मंदिर में स्थानीय आचार्य के सान्निध्य में मंदिर समिति के लोगों ने पूजा-अर्चना कर जलाभिषेक किया। जबकि अधिकतर श्रद्धालुओं ने अपने-अपने घर में ही जलाभिषेक कर बाबा भोलेनाथ की पूजा की।

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