पे रिवीजन पर एक मत हों यूनियन, तब होगी वार्ता
बोकारो महारत्न कंपनी सेल में कामगारों का पे रिवीजन सुलझने के बजाय उलझता ही जा रहा ह
बोकारो : महारत्न कंपनी सेल में कामगारों का पे रिवीजन सुलझने के बजाय उलझता ही जा रहा है। ऐसा इसलिए कि प्रबंधन एनजेसीएस के साथ बैठक के लिए कुछ शर्त निर्धारित कर दी है। इसमें पांचों श्रमिक संगठन को एमजीबी व पर्क्स पर एकमत होने के लिए कहा गया है। साथ ही, नेताओं से आग्रह की गई है कि यदि वह फिर से हड़ताल करने की तैयारी में हैं तो प्रबंधन बातचीत करने में असमर्थ है। सेल प्रबंधन के इस रुख के बाद यह साफ हो गया है की संयंत्रकर्मियों के पे रिवीजन की बैठक पर एक बार फिर विराम लग गया है। हालांकि, एनजेसीएस के पांचों घटक दल के शीर्षस्थ नेता इस प्रयास में जुट गए हैं कि सेलकर्मियों का सम्मानजनक पे रिवीजन जल्द कैसे कराया जाए। इसके लिए उनकी आंतरिक बैठक भी आनलाइन हो रही है।
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- कहां फंस गया है मामला -
सेलकर्मियों के पे रिवीजन पर बीते माह हुई प्रबंधन व एनजेसीएस की मैराथन बैठक में यूनियन की ओर से 15 फीसद एमजीबी के साथ 35 फीसद पर्क्स का प्रस्ताव सेल प्रबंधन को दिया गया था, जिस पर प्रबंधन ने अपने वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए इस पर राजी नहीं हुआ। बाद में, इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संजीवा रेड्डी ने 13 फीसद एमजीबी व 25 फीसद पर्क्स देने की बात प्रबंधन से कही। प्रबंधन 13 फीसद एमजीबी पर मान गया, लेकिन 25 फीसद पर्क्स देने को राजी नहीं हुआ। जबकि एनजेसीएस के चार अन्य घटक दल 13 फीसद एमजीबी के साथ 35 फीसद पर्क्स की मांग पर अड़े हैं। बात बिगड़ती देख बैठक समाप्त कर दी गई और श्रमिक संगठनों ने 30 जून को पूरे सेल में हड़ताल किया। हड़ताल के बाद प्रबंधन अब बैठक तभी करने को तैयार है जब पांचों यूनियन कंपनी के आर्थिक हालात को देखते हुए कामन डिमांड के साथ रूबरू हो।
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वर्जन: सेल प्रबंधन 30 जून की हड़ताल के बाद वार्ता करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। प्रबंधन का साफ कहना है कि पहले पांचों यूनियन एमजीबी व पर्क्स प अपना कामन डिमांड तैयार कर ले तभी बैठक होगी। इस माह पे रिवीजन पर बैठक होना मुश्किल लग रहा है। जबकि कई श्रमिक संगठन अब भी हड़ताल की बात कर रहे हैं।
डा. जी संजीवा रेड्डी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, इंटक
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वर्जन: सेलकर्मियों के सम्माजनक पे रिवीजन के लिए प्रबंधन के साथ हमारी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी। पहले 15-35 के लिए कंपनी में ऐतिहासिक हड़ताल किया गया था। अब पे रिवीजन की बैठक के लिए सेल का धुंआ जाम करना होगा। प्रबंधन मजदूरों की ताकत को हल्के में लेने का काम नही करें।
राजेंद्र सिंह महामंत्री, किम्स सह एनजेसीएस सदस्य