आठ से 23 जनवरी के बीच समाप्त हो जाएगा पंचायत का कार्यकाल
बोकारो में त्रिस्तरीय पंचायत का कार्यकाल आठ से 23 जनवरी के बाद स्वत समाप्त हो जाएगा। इसके लिए सोमवार तक कार्यालय आदेश जारी होने के कयास लगाए जा रहे हैं।
बोकारो में त्रिस्तरीय पंचायत का कार्यकाल आठ से 23 जनवरी के बाद स्वत: समाप्त हो जाएगा। इसके लिए जिला पंचायत शाखा ने प्रस्ताव बनाकर उपायुक्त के पास अनुमोदन के लिए भेजा है। इस संबंध में कार्यालय आदेश सोमवार को जारी होने की संभावना है।
बोकारो जिले में जिला परिषद के 31, पंचायत समिति के 294, 249 मुखिया तथा 2958 वार्ड सदस्य हैं। पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के साथ ही संबंधित समिति का विघटन हो जाएगा। ऐसे में, सरकार यदि कोरोना को लेकर कार्यकाल विस्तार करती है तो ये पद पर बने रह सकते हैं अथवा पहली बैठक की तिथि से पूरी पंचायती राज व्यवस्था काम करना बंद कर देगी। चर्चा है कि यदि पंचायतों का कार्यकाल नहीं बढ़ा तो पूर्व से गठित ग्राम विकास समिति व आदिवासी विकास समिति के माध्यम से काम कराया जा सकता है। पर जिले में अब तक किसी भी प्रकार का पत्राचार नहीं हुआ है। जिला स्तर पर सभी मुखिया की आइडी पांच वर्ष पूर्ण होने के साथ ही लॉक हो जाएगी। फिलहाल, मुखिया के डिजिटल हस्ताक्षर के माध्यम से मनरेगा व पंचायत के अन्य विकास मद का भुगतान हो रहा है।
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पंचायती राज निदेशक के पत्र के आलोक में हो रही कार्रवाई : बीते माह पंचायती राज निदेशक आदित्य रंजन ने नियमों का हवाला देते हुए राज्य के सभी उपायुक्तों को पत्र लिखा था। इसमें स्पष्ट किया गया है कि तीनों स्तर की पंचायतों ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद अपने गठन की तिथि (प्रथम बैठक की तिथि) से पांच वर्ष की अवधि पूर्ण होने की तिथि से स्वत: विघटित समझी जाएंगी। बता दें कि वर्ष 2015 में संपन्न पंचायत चुनाव के आधार पर गठित त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं की बैठक जनवरी में हुई थी। बोकारो में पंचायत से लेकर जिला परिषद तक की पहली बैठक नौ जनवरी से 24 जनवरी के बीच हुई थी। निदेशक पंचायती राज ने स्पष्ट किया था कि विघटन की तिथि से निर्वाचित पदधारकों के पद रिक्त समझे जाएंगे। विघटन के पश्चात वैकल्पिक व्यवस्था के लिए अलग से दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे। पर अब तक दिशा निर्देश नहीं आ सके।
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बोकारो में पंचायत प्रतिनिधियों से संबंधित आंकड़े
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क्रम संख्या--प्रखंड --जिप सदस्य --पंसस --मुखिया- वार्ड सदस्य -- कुल
1. गोमिया--5-46-36--36-462-549
2. बेरमो -2--20-19--201--242
3. नावाडीह--3--28--24--275--330
4. चंद्रपुरा --3--26--23--265--317
5. पेटरवार ---3--26--23--264--316
6. कसमार---2--18---15--182--217
7. जरीडीह--2--21--17--210--250
8. चास--6--63--54--636--759
9. चंदनकियारी---5--46--38--463--552
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कुल -- 31 --294--249--2958--3532
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पंचायत समिति का कार्यकाल
1. गोमिया--10 जनवरी तक
2. बेरमो - 11 जनवरी तक
3. नावाडीह-12 जनवरी तक
4. चंद्रपुरा --14 जनवरी तक
5. पेटरवार ---16 जनवरी तक
6. कसमार--17 जनवरी तक
7. जरीडीह-18 जनवरी तक
8. चास--10 जनवरी तक
9. चंदनकियारी--11 जनवरी तक
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मुखिया व वार्ड सदस्यों का कार्यकाल
पंचायत समिति का कार्यकाल
1. गोमिया-- 8 जनवरी 22 जनवरी तक
2. बेरमो - 8 जनवरी 20 जनवरी तक
3. नावाडीह-8 जनवरी 22 जनवरी तक
4. चंद्रपुरा --8 से 22 जनवरी तक
5. पेटरवार ---8 जनवरी 21 जनवरी तक
6. कसमार--8 जनवरी 17 जनवरी तक
7. जरीडीह-8 जनवरी 18 जनवरी तक
8. चास--8 जनवरी 23 जनवरी तक
9. चंदनकियारी--8 जनवरी 23 जनवरी तक
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नोट : अलग-अलग पंचायतों में अलग-अलग तिथि को पहली बैठक हुई थी।
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कोट :
मुख्यमंत्री तक हम लोगों ने अपनी बातों को रखा है। चूंकि ग्रामीण इलाकों में पंचायती राज्र संस्थाएं काफी काम करती हैं। नये साल में कोरोना के टीकाकरण, नया राशन कार्ड बनना है। ऐसे में, अचानक पंचायतों का अधिकार शिथिल करने से समस्या होगी। सरकार जो भी निर्णय लेगी अच्छा व जनहित में लेगी।
हीरालाल मांझी, उपाध्यक्ष , जिला परिषद बोकारो
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कोट :
पंचायती राज निदेशक का पत्र प्राप्त हुआ है, जिसकी जब प्रथम बैठक हुई है तब से पांच वर्ष तक कार्यकाल पूरा होने पर स्व: विघटित समझा जाएगा। आगे क्या करना है इस संबंध में अब तक सरकार का कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है।
जय किशोर प्रसाद, उप विकास आयुक्त सह कार्यपालक पदाधिकारी बोकारो