क्लीनिक संचालक का बेटा गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, बोकारो : मकान कब्जा करने के नियत से 229 को-ऑपरेटिव कॉलोनी के मालिक

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Aug 2018 01:01 AM (IST) Updated:Tue, 21 Aug 2018 01:01 AM (IST)
क्लीनिक संचालक का बेटा गिरफ्तार
क्लीनिक संचालक का बेटा गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, बोकारो : मकान कब्जा करने के नियत से 229 को-ऑपरेटिव कॉलोनी के मालिक दीपू घोष व उनकी बहन मंजू श्री घोष को बंधक बनाने के मामले में क्लीनिक की संचालिका सुनीता देवी के पुत्र अनीश गुप्ता को सिटी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अन्य अभियुक्तों की तलाश पुलिस कर रही है। इधर मामले में नये तथ्य सामाने आ रहे हैं। को-ऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा अपने कार्यालय में रखे गए कागजात की जांच की गई तो यह बात सामने आयी है कि मकान के केवल नीचले तल के पांच कमरे ही किराया पर लिया गया था। सूत्रों का कहना है कि सोसाइटी के फाइल में उपलब्ध एकरारनामे में न तो एडवांस की रकम का जिक्र है और न किराया। प्रत्येक माह एक हजार रूपए मकान की मालकिन मुकुल घोष को दिए जाने वाले किराया से कटौती की जाएगी। इस एकरारनामा में बतौर गवाह प्लाट संख्या 255 के मालिक बीके पाण्डेय थे। पर क्लीनिक के संचालक ने दीपू घोष की मां के देहांत के बाद मकान नहीं छोड़ा।

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को-ऑपरेटिव के फाइल में एकरारनाम का संलग्न होना खड़ा कर रहा सवाल :

पूरे मामले को लेकर कुछ लोग मशहूर नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. डीके गुप्ता व क्लीनिक के संचालक स्व. मंतोष कुमार गुप्ता के पक्ष में हैं तो कुछ लोग इन दोनों के विपक्ष में। लेकिन को-ऑपरेटिव सोसाइटी में उपलब्ध प्लांट संख्या 229 की फाइल कई सवाल खड़ा कर रही है। पुलिस इसकी जांच करेगी और इसी के आधार पर दोषियों पर आगे की कार्रवाई करेगी। सोसाइटी के सचिव आरएस ¨सह का कहना है कि पूरे को-ऑपरेटिव में लगभग पांच सौ प्लाट हैं। और प्रत्येक प्लाट में कम से कम चार से पांच किराएदार हैं। लेकिन प्लाट संख्या 229 को छोड़ किसी के फाइल में किराया का एकरारनामा की प्रति संलग्न नहीं है। यह एकरारनाम मात्र दो वर्षों के लिए था। बाद की कोई प्रति फाइल में संलग्न नहीं है।

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भाजयुमो के जिलाध्यक्ष समेत अन्य पर प्राथमिकी

बोकारो : शहर के को-ऑपरेटिव कॉलोनी प्लॉट संख्या 229 में चलने वाले नव ज्योति क्लीनिक में बीते रविवार को तोड़फोड़ होने के मामले में सिटी पुलिस ने भाजयुमो जिलाध्यक्ष मयंक ¨सह के अलावा उनके सहयोगी कुंज बिहारी पाठक व अभी ¨सह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। दर्ज रिपोर्ट में 15-20 अज्ञात कार्यकर्ताओं पर भी आरोप लगा है। प्राथमिकी को-ऑपरेटिव कॉलोनी के प्लॉट संख्या 307 में रहने वाले आशुतोष गुप्ता की शिकायत पर पुलिस ने दर्ज की है। गुप्ता ने बताया है कि मेरे भाई स्वर्गीय मंतोष कुमार ने मकान मालिक मुकुल घोष व इनके पुत्र दीपू घोष से 2001 में एग्रीमेंट कर नव ज्योति क्लीनिक खोला था। यहां पर आरोपित लाठी डंडे से लैस होकर आए और क्लीनिक के बोर्ड के अलावा डाक्टर डी के गुप्ता के नाम के बोर्ड को तोड़ दिए। यहां कालिख पोतने के बाद मेडिकल दुकान व चश्मा दुकान का सीसीटीवी कैमरा भी तोड़ दिए। डेढ़ लाख रुपये का नुकसान उन्हें इससे हुआ। सीसीटीवी कैमरा भी सभी अपने साथ लेते गए। शिकायतकर्ता ने सीसीटीवी फुटेज व फोटो भी पुलिस को दिया है। इधर प्राथमिकी दर्ज किए जाने पर जिलाध्यक्ष मयंक ¨सह का कहना है कि डॉ. डीके गुप्ता सरकारी चिकित्सक हैं। लेकिन वे सरकार को सेवा नहीं दे रहे हैं। उन पर सरकारी राशि का गबन करने एवं सेवा नियमावली का उल्लंघन किया है। सिविल सर्जन तत्काल इस मामले में उन पर कार्रवाई करते हुए निलंबित करें।

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तोड़फोड़ पर आइएमए ने किया विरोध प्रदर्शन

बोकारो : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन एवं झारखंड हेल्थ सर्विस ऐसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में एसपी कार्तिक एस से मिलकर ज्ञापन दिया गया। आइएमए के अध्यक्ष डॉ. रणधीर का कहना था कि पूरे मामले की तत्काल जांच करते हुए दोषियों पर कार्रवाई हो। पूरी बात स्पष्ट होनी चाहिए। जब क्लीनिक का संचालक दूसरा व्यक्ति हैं तो इस मामले में चिकित्सक को घसीटना कहीं से भी उचित नहीं है। उन्होंने उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया। मौके पर डॉ अर्जुन प्रसाद, सीएस डॉ. सोबान मुर्मू , डॉ. एके चौधरी सहित अन्य उपस्थित थे।

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