सेलकर्मियों के एमजीबी का मामला सुलझा, पर्क्स का उलझा
बोकारो महारत्न कंपनी सेल में कामगारों के वेतन पुनरीक्षण का मामला उठा-पटक के बीच चल र
बोकारो : महारत्न कंपनी सेल में कामगारों के वेतन पुनरीक्षण का मामला उठा-पटक के बीच चल रहा है। बीते साढ़े चार साल से लंबित पे रिवीजन पर जब 23 जून की मीटिग में 13 फीसद एमजीबी पर प्रबंधन व यूनियन के बीच सहमति बन गई तो 24 जून की बैठक में पर्क्स का मसला फिर से अटक गया। ऐसा इसलिए हुआ कि प्रबंधन श्रमिक संगठनों की मांग के अनुरूप उन्हें पर्क्स का भुगतान करने पर राजी नहीं है। आज की बैठक में प्रबंधन की ओर से पांचों यूनियन प्रतिनिधियों को कर्मियों के नए बेसिक पर 12 फीसद पर्क्स दिए जाने का प्रस्ताव रखा, जिसे सभी नेताओं ने सिरे से खारिज कर दिया। एचएमएस से संबद्ध किम्स के महामंत्री सह एनजेसीएस सदस्य राजेंद्र सिंह ने कहा की जब इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजीवा रेड्डी के दिए गए प्रस्ताव 13 फीसद एमजीबी को 15 फीसद से कम पर लेने के लिए हम सभी तैयार हो गए तो ऐसे में पर्क्स में कटौती का कोई सवाल ही नही उठता है। यदि प्रबंधन पर्क्स के मद में 35 फीसद राशि पर सहमत नहीं होता है तो एचएमएस 13 फीसद एमजीबी के प्रस्ताव को भी ठुकरा देगी। वहीं बीएमएस के स्टील प्रभारी डीके पाण्डेय ने प्रबंधन से अधिकारियों की तर्ज पर कर्मचारियों का पे रिवीजन करने की मांग की। कहा कि वेतन पुनरीक्षण के मद में जो लाभ कंपनी प्रबंधन ने अधिकारियों को देने का निर्णय लिया है, वह कर्मचारियों पर भी लागू कर दें, जिसके बाद सभी मामले का पटाक्षेप स्वत: हो जाएगा। बात को बिगड़ता देख प्रबंधन ने 25 जून को फिर से पर्क्स मसले पर यूनियन नेताओं के साथ अपराह्न तीन बजे बैठक रखी है। बताया जाता है की प्रबंधन 30 जून से पहले सेलकर्मियों के पे रिवीजन पर एनजेसीएस के साथ समझौता करने के पक्ष में है। चूंकि यूनियन प्रतिनिधियों ने आगामी 30 जून को बोकारो इस्पात संयंत्र सहित कंपनी के सभी इकाई में हड़ताल की घोषणा कर दी है। इसलिए मसले का समाधान समय रहते करने पर विचार-विमर्श हो रहा है।