फुसरो शहर में जल्द दूर होगी कचरा निस्तारण की चिता
करगली (बेरमो) फुसरो शहर में जल्द ही कचरा निस्तारण की चिता दूर हो जाएगी। क्योंकि मको
करगली (बेरमो): फुसरो शहर में जल्द ही कचरा निस्तारण की चिता दूर हो जाएगी। क्योंकि मकोली की 10 एकड़ भूमि पर 173 करोड़ की लागत से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट बनाया जाएगा। इस योजना के लिए फाइनल डीपीआर बनाया जाना अभी बाकी है। कोरोना महामारी के कारण फिलहाल इस योजना को धरातल पर उतरने में थोड़ा वक्त लग रहा है। मकोली में 650 मीट्रिक टन कचरा निस्तारण क्षमता का प्लांट निर्माण कराने की योजना को धरातल पर उतारने के लिए एक वर्ष पूर्व नगर परिषद फुसरो के तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी अरुण कुमार भारती ने एमएस स्ट्रलिग टेक्नोलॉजी एंड सर्विस तिरुपति, क्यूब बायो एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड हैदराबाद एवं पूजा कंसल्टेशन कंपनी सोनीपत हरियाणा के अधिकारियों से वार्ता कर प्लांट निर्माण के बारे में जानकारी ली थी। साथ ही उनकी तकनीकी विशेषज्ञता का आकलन भी किया था।
--बनाया जाएगा एक छोटा व एक बड़ा प्लांट : नगर परिषद फुसरो के डिप्टी चेयरमैन छेदी नोनिया ने बताया कि मकोली में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट निर्माण कराने को नगर प्रशासन गंभीर है। एक छोटा व एक बड़ा प्लांट बनाया जाएगा। जल्द ही, फाइनल डीपीआर बनाए जाने के बाद निविदा की प्रक्रिया की जाएगी। कहा कि फुसरो नगर क्षेत्र की जनता को शीघ्र ही कूड़ा-कचरा निस्तारण की समस्या से निजात मिल जाएगी। 10 एकड़ भूमि पर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट निर्माण कराने की योजना को धरातल पर उतारने के लिए मकोली में जमीन चिह्नित कर ली गई है, जहां बड़ा प्लांट बनाया जाएगा। साथ ही सुभाषनगर में एक छोड़ा प्लांट स्थापित किया जाएगा। --खाद, बिजली व गैस उत्पादन कराने की योजना : सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट से निकलने वाले वेस्टेज से खाद, बिजली व गैस उत्पादन कराने की योजना है। पहले कूड़े से खाद तैयार किया जाएगा। उसके बाद बिजली व गैस उत्पादन कराया जाएगा। डिप्टी चेयरमैन नोनिया ने बताया कि फुसरो नगर को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए वह योजना धरातल पर उतारी जाएगी। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत कूड़ा निस्तारण संयंत्र लगाया जाएगा, जिसमें प्रत्येक दिन तकरीबन 30 टन कूड़ा संग्रह कर निस्तारण किया जाएगा। इस योजना के तहत फुसरो शहर के हर घर से कूड़ा एकत्र कर संयंत्र में पहुंचाना है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट से निर्माण होने वाली बिजली को नगर परिषद कार्यालय में उपयोग किया जाएगा। अधिक बिजली उत्पादन होने पर उसे आउटसोर्सिंग के तहत सप्लाई कराई जाएगी।