यूनियन कार्यालय पर कब्जा को लेकर भिड़े संग्राम व राजेंद्र के समर्थक

बोकारो क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ किम्स का विवाद एक बार फिर सामने आ गया है। ताजा माम

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 11:29 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 11:29 PM (IST)
यूनियन कार्यालय पर कब्जा को लेकर भिड़े संग्राम व राजेंद्र के समर्थक
यूनियन कार्यालय पर कब्जा को लेकर भिड़े संग्राम व राजेंद्र के समर्थक

बोकारो : क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ किम्स का विवाद एक बार फिर सामने आ गया है। ताजा मामला यूनियन के सेक्टर नौ कार्यालय पर कब्जे का है । एक पक्ष की ओर से यूनियन के महामंत्री राजेन्द्र सिंह हैं, जिनके नाम से उक्त आवास यूनियन कार्यालय के रूप में आवंटित है। वहीं, दूसरी ओर से पूर्व मंत्री समरेश सिंह के पुत्र संग्राम सिंह थे। राजेन्द्र सिंह का आरोप था कि संग्राम सिंह अपने समर्थकों के साथ सेक्टर नौ ए रोड स्थित आवास संख्या-673 क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ के कार्यालय पर धावा बोलकर कब्जा करने का प्रयास किया। इस विवाद को लेकर दोनों पक्षों में दो घंटे तक बहस चलती रही। मामला बढ़ता देख पुलिस को बुलाया गया। मौके पर पहुंचे हरला थाना प्रभारी जय गोविद गुप्ता ने घटना की पूरी जानकारी प्रखंड विकास पदाधिकारी और एसडीएम शशि प्रकाश सिंह को दी, जिसके बाद एसडीएम के निर्देश पर लॉकडाउन को देखते हुए यूनियन कार्यालय को तत्काल पुलिस ने सील कर दिया और दोनों पक्षों से अपनी बात एसडीएम तक रखने की बात कही है। कार्यालय को सील चास बीडीओ संजय सांडिल्य ने किया। हालांकि, मामला अभी शांत नहीं होने वाला है। एक ओर जहां राजेन्द्र गुट के संरक्षक झरिया के पूर्व विधायक बच्चा सिंह हैं तो संग्राम सिंह स्वयं पूर्व विधायक के पुत्र हैं। इसलिए प्रशासन ने सावधानी बरतते हुए कार्यालय को सील कर फिलहाल विवाद को टाल दिया है।

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क्या कहते हैं किम्स के महामंत्री राजेन्द्र सिंह :

मामले को लेकर किम्स के महामंत्री सह एनजेसीएस सदस्य राजेंद्र सिंह ने कहा है कि क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ का कार्यालय और यूनियन को लेकर लंबी न्यायिक लड़ाई के बाद न्यायालय ने वर्ष 2006 में उनके पक्ष में फैसला सुनाया था। इसके बाद पूर्व विधायक समरेश सिंह ने कभी भी यूनियन ऑफिस पर अपना दावा पेश नहीं किया, लेकिन उनके पुत्र संग्राम सिंह जो कि तथाकथित रूप से उनके ही यूनियन का नाम का उपयोग करते हैं अपने लोगों को भेजकर अनावश्यक तनाव पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। यूनियन के कार्यालय में त्रिलोकी सिंह नाम का व्यक्ति रहता था। उसे खाली कराने के लिए संपदा न्यायालय में वर्ष 2015 में आवेदन दिया। वर्ष 2017 में अंतिम निर्णय देते हुए न्यायालय ने उनके पक्ष में फैसला दिया। साथ त्रिलोकी सिंह को बकाया एक लाख 63 हजार रुपये जमा करने के साथ मकान को तुरंत खाली करने का निर्देश दिया था। चूंकि, यह आवास उनके यूनियन के नाते महामंत्री के पदनाम से आवंटित है। इसलिए किसी का भी उस पर कोई दावा नहीं बनता है। इस बीच शनिवार की शाम संग्राम सिंह के लोग अचानक से उनके यूनियन कार्यालय में पहुंच गए और वहां शराब और मुर्गा का सेवन करने लगे। जब इस बात को लेकर उन्होंने आपत्ति दर्ज की तो रविवार की सुबह 11 बजे के करीब 60 से 70 लोग संग्राम सिंह के नेतृत्व में यह कहते हुए पहुंचे की यूनियन ऑफिस उनका है। यदि समय पर पुलिस नहीं पहुंची होती तो वह लोग उन पर हमला कर देते। उन्होंने प्रशासन के रवैया पर भी सवाल उठाया है। कहा कि आवास उनके नाम पर आवंटित है और उनके कार्यालय को ही सील कर दिया गया।

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संग्राम सिंह ने आरोपों को किया खारिज कहा राजेन्द्र सिंह कर रहे गुंडागर्दी :

पूरे मामले पर पूर्व विधायक पुत्र संग्राम सिंह का कहना है कि शनिवार को उनके एक कार्यकर्ता जो कि यूनियन कार्यालय में रहता था। राजेंद्र सिंह और उनके पुत्र व भतीजा एवं 20 अन्य लोग शराब का सेवन करके आये और मारपीट करके उसका सारा सामान अपने पास रखकर उसे कार्यालय से बाहर निकाल दिया। यही नहीं आवास में ताला मार दिया। जब अपने कार्यकर्ताओं के साथ उन लोगों से वार्ता करने गए तो उन लोगों ने वार्ता करने से मना कर दिया और धक्का मुक्की एवं गाली-गलौज शुरू कर दिया। कहने के बावजूद कार्यालय का ताला नहीं खोला, जिसको लेकर विवाद शुरू हो गया। थाना प्रभारी और प्रखंड विकास पदाधिकारी ने आकर आवास सहित पूरी कार्यालय को सील कर दिया है। कहा है कि मजदूर नेता राजेन्द्र सिंह गुंडागर्दी करने पर उतारू हो गए हैं। अपने साथ असामाजिक तत्वों का हुजूम लेकर घूमते हैं। इस घटना को लेकर किम्स यूनियन की तरफ से भारी विरोध प्रदर्शन भी सेक्टर -नौ आवासीय कार्यालय में किया गया है। वह यूनियन का निबंधित कार्यालय है। इसलिए प्रशासन जांच कर न्याय करे।

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