सिखों ने अपने गुरु अर्जुनदेव को किया याद
कथारा (बेरमो) बेरमो कोयलांचल के सिखों ने बुधवार को अपने गुरु अर्जुनदेव को याद किया। जारं
कथारा (बेरमो) : बेरमो कोयलांचल के सिखों ने बुधवार को अपने गुरु अर्जुनदेव को याद किया। जारंगडीह गुरुद्वारा में सिख संगत के कुछ लोगों ने उनका शहादत दिवस मनाते हुए अरदास किया। उसके बाद सड़क किनारे स्टॉल लगाकर व शारीरिक दूरी का पालन करते हुए राहगीरों व अन्य लोगों के बीच चना, गुड़ व शर्बत वितरण किया। साथ ही सिख संगत के लोगों ने अपने-अपने घर में गुरुग्रंथ साहिब का पाठ भी किया। गुरुद्वारा प्रबंध समिति के सरजीत सिंह ने बताया कि गुरु अर्जुनदेव सिख गुरुओं में सबसे पहले शहीद हुए थे। उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए शहीद होकर सिखों में शहादत की परंपरा की शुरुआत की। उससे पहले उन्होंने गुरुग्रंथ साहिब का संपादन कर भक्ति काल के 36 महापुरुषों की रचनाओं एवं वाणियों को उसमें समाहित कर ऊंच-नीच, भेदभाव, जात-पांत एवं क्षेत्रवाद से दूर रहने का संदेश लोगों को दिया। उन्होंने बताया कि गुरु अर्जुनदेव ने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर का निर्माण कराया। उनके शहादत दिवस के उपलक्ष्य में पिछले 40 दिनों से उनकी रचना श्रीसुखमणि साहिब का पाठ जारंगडीह के साद संगत व स्त्री संगत अपने-अपने घरों में रहकर कर रहे थे। साथ ही गुरुद्वारा में भी पाठ हो रहा था। मौके पर सरजीत सिंह, शार्दूल सिंह, गुरमीत सिंह, सतपाल सिंह, रणधीर सिंह, राजू सिंह, नरेंद्र सिंह, अवतार सिंह, रॉकी सिंह, बबलू, छोटू, प्रिस कुमार, बिदे सिंह आदि थे।