ईश्वर की भक्ति करने की कोई आयुसीमा नहीं

बेरमो बेरमो कोयलांचल के जरीडीह बाजार में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 10:32 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 10:32 PM (IST)
ईश्वर की भक्ति करने की कोई आयुसीमा नहीं
ईश्वर की भक्ति करने की कोई आयुसीमा नहीं

बेरमो : बेरमो कोयलांचल के जरीडीह बाजार में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन सोमवार को वृंदावन से पधारीं भागवत पुराण मर्मज्ञ लाडली शरण ने श्रद्धालुओं को तप-साधना का महत्व बताया। बालक ध्रुव की गाथा सुनाते हुए उपस्थित लोगों को भावविभोर कर दिया। कहा कि ईश्वर की भक्ति करने की कोई आयुसीमा नहीं। बालक ध्रुव को देखें, जिनकी भक्ति की शक्ति से भगवान साक्षात प्रकट हो गए थे।

बताया कि राजा उत्तानपाद की सुनीति पहली पत्नी थीं, जिनके पुत्र ध्रुव थे। सुनीति बड़ी रानी थीं, लेकिन राजा उत्तानपाद उनके बजाय दूसरी पत्नी सुरुचि एवं उनके पुत्र को ज्यादा प्रेम करते थे। एक बार राजा उत्तानपाद अपने पुत्र ध्रुव को गोद में लेकर बैठे थे, तभी सुरुचि वहां आ गईं। अपनी सौत के पुत्र ध्रुव को पति की गोद में बैठा देखकर उसके मन में जलन होने लगी। तब उन्होंने ध्रुव को गोद से उतारकर अपने पुत्र को बैठाते हुए कहा था कि राजा की गोद में वही बालक बैठ सकता है और राजसिंहासन का अधिकारी हो सकता है, जो मेरे गर्भ से जन्मा है। ध्रुव से कहा कि तू मेरे गर्भ से नहीं जन्मा है। यदि तेरी इच्छा राजसिंहासन प्राप्त करने की है तो भगवान नारायण का भजन कर। उनकी कृपा से जब तू मेरे गर्भ से उत्पन्न होगा, तभी सिंहासन प्राप्त कर पाएगा। यह सुनकर ध्रुव भगवान को पाने चल पड़े थे।

उन्होंने कहा कि वास्तव में एक दिन भगवान की चरणों में सभी को जाना ही पड़ेगा। प्रभु का नाम ही रंग लाएगा, यह आज नहीं तो कल समझ में जरूर आ जाएगा। कहा कि मानव की सांस का नहीं भरोसा कि न जाने कब रुक जाए। यह तन गंभीर बीमारी की चपेट में आकर न जाने कब ढल जाए, पता नहीं।

चित्रकूटधाम से पधारे महंत सीताराम शरण ने कहा कि भगवान कहते हैं कि जो लोग सहनशील व दयालु होते हैं, वह सरल स्वभाव के और सत्पुरुषों का सम्मान करने वाले होते हैं। जो भगवान से प्रेम करते हैं, वह संपूर्ण कष्ट से मुक्त हो जाते हैं। धार्मिक कथाओं का श्रवण करने से मन-आत्मा को शांति मिलती है। सत्संग से अच्छे-बुरे की पहचान होती है। पुण्य कर्म के प्रभाव से ही मनुष्य को साधु-संतों का प्रवचन सुनने को मिलता है। यहां अग्रवाल कल्याण महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अनिल अग्रवाल सहित अरुण अग्रवाल, सौरभ अग्रवाल, सुशील अग्रवाल, रेणुका अग्रवाल, संगीता अग्रवाल, शांभवी प्रिया, श्वेता गोयल, भोलूचंद भगत, संगीता अग्रवाल, अनु अग्रवाल, रश्मि अग्रवाल, सुमन अग्रवाल, प्रणय अग्रवाल, अनुराग अग्रवाल, ऋषभ अग्रवाल, तुषार अग्रवाल, प्रियेश अग्रवाल, दामोदर गुप्ता, कृष्ण कुमार चांडक, छित्तरमल अग्रवाल आदि उपस्थित थे।

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