फर्ज के लिए जान हथेली पर रख की मरीजों की सेवा
जागरण संवाददाता बोकारो अस्पताल में जितनी अहम भूमिका चिकित्सक की होती है उतनी ही मरीजो
जागरण संवाददाता, बोकारो : अस्पताल में जितनी अहम भूमिका चिकित्सक की होती है उतनी ही मरीजों की देखभाल करने वाली नर्स की भी होती है। डॉक्टर मरीज का इलाज कर चले जाते हैं। इसके बाद नर्स उस मरीज की देखभाल करती रहती हैं। चाहे आम दिनों की तरह नॉर्मल ड्यूटी हो या कोरोना जैसी बीमारी हो। इन्हीं नर्सो के सम्मान में हर साल 12 मई को दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस दिवस को विश्वभर में नोबल नर्सिंग सेवा की शुरुआत करने वाली फ्लोरेंस नाइटिगेल के जन्म दिवस पर प्रतिवर्ष मनाया जाता है। वर्तमान की स्थिति को देखते हुए सभी कोविड-19 अस्पतालों में तैनात नर्स जी-जान से कोरोना संदिग्ध व संक्रमित मरीजों के उपचार में लगी हुई हैं। इन्हें संक्रमण का खतरा सबसे अधिक रहता है। बावजूद खुद की और परिवार की फिक्र किए बिना पूरी लगन से यह अपना फर्ज निभा रही हैं। चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ के कोरोना संक्रमित होने के मामले सामने आने के बाद भी सदर अस्पताल के कोविड-19 अस्पताल में नर्स रेणु कुमारी के हौसले में कमी नहीं आई है। वह डॉक्टरों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पूरी शिद्दत से अपने फर्ज को अंजाम देने में जुटी हुई हैं।
रेणु संक्रमित के इलाज के दौरान 19 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव हो गई। 14 दिनों तक होम क्वारंटाइन रहने बाद दुबारा ड्यूटी ज्वाइन किया। पूरी तन्मयता के साथ कोरोना मरीजों के इलाज में जुट गई। रेणु ने बताया कि उनके संक्रमित होने के बाद उनका पूरा परिवार कोरोना संक्रमण का शिकार हो गया। बावजूद, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ परिवार के लोगों के प्रति अपनी जवाबदेही का निर्वहन किया। कहा कि मरीजों की सेवा करना उन्हें अच्छा लगता है। कोरोना से डरने के बजाय डट कर उसका सामना करने में लगी हूं। ड्यूटी के दौरान किसी भी तरह की कोई ढिलाई नहीं बरती जा रही है। सावधानी पूर्वक संक्रमित मरीजों का इलाज करती हैं। रेणु ने कहा कि कोरोना के भर्ती मरीज जब पूरी तरह स्वस्थ हो जाते है। अस्पताल में लंबे समय रहने के बाद घर जाने के लिए जब अपना सामान एक जगह करते हैं, तो उस वक्त उनके चेहरे की खुशी देखने लायक होती है।