आनलाइन शिक्षा हासिल करने में समर्थ विद्यालय के विद्यार्थी असमर्थ

जागरण संवाददाता बोकारो बोकारो जिले के विभिन्न ग्रामीण व नक्सली क्षेत्र में रहने वाले अनाथ व ग

By JagranEdited By: Publish:Fri, 02 Jul 2021 11:14 PM (IST) Updated:Fri, 02 Jul 2021 11:14 PM (IST)
आनलाइन शिक्षा हासिल करने में समर्थ विद्यालय के विद्यार्थी असमर्थ
आनलाइन शिक्षा हासिल करने में समर्थ विद्यालय के विद्यार्थी असमर्थ

जागरण संवाददाता, बोकारो: बोकारो जिले के विभिन्न ग्रामीण व नक्सली क्षेत्र में रहने वाले अनाथ व गरीब बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए नगर के सेक्टर दो में समर्थ आवासीय विद्यालय की स्थापना की गई है। कोरोना काल में विद्यार्थियों के लिए विद्यालय बंद रखा गया है। विभाग की ओर आनलाइन शिक्षा की व्यवस्था की गई है, लेकिन अभिभावकों के पास मोबाइल का अभाव, अनियमित विद्युतापूर्ति व नेटवर्क की समस्या के कारण समर्थ आवासीय विद्यालय में अध्ययनरत 90 फीसद विद्यार्थी आनलाइन शिक्षा से दूर हैं। इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

समर्थ आवासीय विद्यालय एक में 100 अनाथ बच्चे नामांकित हैं। इसी प्रकार समर्थ आवासीय विद्यालय दो में नक्सल प्रभावित क्षेत्र के 100 बच्चे नामांकित हैं। इन्हें कक्षा एक से आठवीं तक की निश्शुल्क शिक्षा दी जाती है। निश्शुल्क आवासीय सुविधा के साथ भोजन उपलब्ध कराया जाता है। कोरोना काल में बच्चों के लिए आनलाइन शिक्षा की व्यवस्था की गई है। समर्थ आवासीय विद्यालय एक के लगभग 50 बच्चों को वाट्सएप एवं लगभग 30 विद्यार्थियों को मोबाइल के माध्यम से शिक्षकों के ग्रुप से जोड़ा गया है। वहीं समर्थ आवासीय विद्यालय दो के लगभग 40 विद्यार्थियों को वाट्सएप एवं 30 बच्चों को मोबाइल के जरिए शिक्षकों के समूह से जोड़ा गया है। वार्डन सह शिक्षक ने हुसैन कहा कि प्रत्येक दिन दोनों विद्यालयों के लगभग 10-12 बच्चे ही वाट्सएप ग्रुप से जुड़ते हैं। अन्य बच्चों कभी नेटवर्क तो कभी अनियमित विद्युतापूर्ति के कारण वाट्सएप पर नहीं जुड़ने की बात करते हैं। कुछ बच्चों को पिता काम पर अपने साथ मोबाइल लेकर चले जाते हैं। इसलिए लगातार प्रयास करने के बावजूद अधिकतर बच्चे आनलाइन शिक्षा से नहीं जुड़ पाते हैं।

-एक कमरे में दो कक्षा का संचालन

समर्थ आवासीय विद्यालय में छह कमरे में 200 विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था है। कमरे की कमी के कारण विद्यार्थियों व शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। एक कमरे में दो कक्षा का संचालन किया जाता है। एक कमरे में कक्षा एक व दो तो दूसरे कमरे में कक्षा तीन व चार के विद्यार्थियों को पढ़ाया जाता है। अगर शिक्षक किसी एक कक्षा के बच्चे को पढ़ाते हैं तो दूसरे कक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थियों के शिक्षा अबूझ पहेली सी बन जाती है।

-आवासीय विद्यालय के कमरे पर अवैध कब्जा

आवासीय विद्यालय के लगभग एक दर्जन से अधिक कमरे पर अवैध रूप से कब्जा जमाया गया है। कुछ लोग यहां स्वजनों के साथ रहते हैं। शिक्षा विभाग की ओर से संबंधित विभाग के पदाधिकारी को भी इसकी सूचना दी गई है। लेकिन अब तक इस भवन को अवैध कब्जा से मुक्त नहीं कराया जा सका है।

-100 विद्यार्थियों को शिक्षा दे रहे एक शिक्षक

समर्थ आवासीय विद्यालय एक में नामांकित लगभग 100 विद्यार्थियों को संविदा पर कार्यरत एक शिक्षा शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। वहीं समर्थ आवासीय विद्यालय दो के 100 विद्यार्थियों को संविदा पर कार्यरत चार शिक्षक पढ़ा रहे हैं। वार्डन भी शिक्षक के रूप में बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। जबकि यहां वार्डन का स्थायी पद स्वीकृत है। यहां एक अस्थायी गार्ड के अलावा दो रसोइया व दो सहायक कार्यरत हैं।

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अधिक से अधिक विद्यार्थियों को आनलाइन शिक्षा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ विद्यार्थियों के साथ समस्याएं हैं। कई अभिभावकों के पास एंड्रायड मोबाइल नहीं है। जिले में भी मोबाइल बैंक की स्थापना की दिशा में काम हो रहा है। नगर के प्रबुद्ध लोग पुराना मोबाइल, टैबलेट व लैपटाप दान कर सकते हैं। इसके माध्यम से गरीब बच्चों की सहायता कर सकते हैं।

नीलम आइलिन टोप्पो, जिला शिक्षा पदाधिकारी

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